कहा जाता है कि अगर अधिकारी बढ़िया बेहतर करे तो उसकी प्रशंसा जितनी की जाये उतनी काम है। यही हाल है कौशांबी जेल अधीक्षक बी.एस.मुकुंद का। उन्होंने जब से जेल की जिम्मेदारी संभाली है तब से जेल का कायाकल्प करने में कोई कसार नहीं छोड़ी है। वह कभी जेल में खेल प्रतियोगिता का आयोजन करवाके बंदियों को चुस्त दुरुस्त रखते हैं तो कभी बंदियों को कपड़े आदि बांटकर एक मिशाल पेश करते हैं। तभी तो अभी हाल ही में जिला जज सुरेंद्र पाल सिंह, चंद्र विजय श्रीनेत सी.जे.एम., मनीष कुमार वर्मा ज़िलाधिकारी एवं प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, कौशाम्बी द्वारा जेल का आकस्मिक संयुक्त निरीक्षण किया गया। जेल में बेहतर रखरखाव और कोई अव्यवस्था ना मिलने पर जिला अधिकारी ने उन्हें प्रशस्तिपत्र भी दिया था।
निर्धन बंदियों की बेटियों की होगी शादी
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला कारागार में आज में निरुद्ध असहाय, निर्धन, वृद्ध, दिव्यांग, विधवा महिला बंदी एवं ऐसे बंदी जिनकी पुत्रियों की शादी तय हो गयी है और उनके पास धन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे बंदियो को राज्य सरकार की और से संचालित लाभकारी योजना की जानकारी प्रेम प्रकाश, सचिव, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंजू सोनकर, ज़िला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा जानकारी दी गयी तथा बंदियो की स्क्रीनिंग की गयी।
साप्ताहिक निरीक्षण में लगभग 35 सिद्धदोष एवं 20 विचाराधीन बंदी वृद् , बंदी अशोक पासी दिव्यांग, विचाराधीन बंदी पुद्दन- पुत्री की शादी की योजना, महिला बंदी चम्पा- विधवा पेंशन, महिला बंदी शूकुल एवं दससी वृद्धा अवस्था पेंशन के लिए पात्र पायी गयी। जिनके आवेदन पत्र आनलाइन भरवाने की कार्यवाही आरम्भ की गयी है। इनकी पात्रता हेतु अन्य आवश्यक काग़ज़ात जैसे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर एत्यादि की कार्यवाही की जा रही। सभी औपचारिकताए पूर्ण होने पर नियमानुसार उपयुक्त पात्र बंदियो को राज्य की लाभकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। निरीक्षण के दौरान बीएसमुकुंद प्रभारी जेल अधीक्षक, ज्ञान लता पाल, संजय राय, राम शंकर सरोज सभी उपकारापाल, केदारनाथ शुक्ला चीफ़ हेड वार्डर उपस्थित रहे।
सराहनीय कार्य करते रहते हैं जेलर
बता दें कि कौशांबी के जेलर से कैदियों को भी काफी लगाव है। वो इसलिए कि जेलर जेल को बेहतर बनाने में जुटे हैं। अन्य जेलों की तुलना में यहां की व्यवस्थाएं काफी अच्छी हैं। जेलर समय-समय पर वह खेलकूद प्रतियोगिता सहित साफ-सफाई के लिए अभियान चलाते रहते हैं। वह जेल के भीतर चिकित्सा कैम्प और बंदियों को गर्म कपड़े बांटने का भी कार्य कर चुके हैं।
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