Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

जालौन डीएम ने सीबीआई जज से फोन पर लालू के लिए की सिफारिश

dr mannan akhtar and CBI judge shivpal singh Jalaun DM made call to CBI judge

चारा घोटाले के आरोपी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जेल की सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिला के रहने वाले हैं। लालू के बचाव के लिए जालौन जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने जज से चारा घोटाले के मामले में लालू को राहत देने की फोन पर सिफारिश की थी, जिसे जज ने अनसुना कर दिया। ख़बरों के अनुसार जालौन से मन्नान लालू को बचाने के लिए दबाव बना रहे थे।

जालौन जिला के शेखपुर गांव के हैं जज

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के शेखपुर खुर्द गांव के निवासी हैं। गांव में कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा जमा लिया। विरोध करने पर उनके भाई सुरेंद्र पाल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। विरोधी जमीन पर कब्जा कर खेती कर रहे हैं। साथ ही जबरन जमीन से चक रोड निकाल दिया है। जज शिवपाल सिंह ने खुद जिला कलेक्टर से न्याय मांगा, लेकिन समस्याएं दूर नहीं हुईं।

छह नवंबर, 2015 को वहां के तत्कालीन एसडीएम ने जमीन को मुक्त कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद बीडीओ और ग्राम प्रधान की उपस्थिति में 1700 रुपए के पत्थर गड़वाए गए थे। इन्हें भी विरोधियों ने उखाड़कर फेंक दिया। एसडीएम, तहसीलदार, सीओ और कोतवाल ने कोई कार्रवाई नहीं की तो जज ने कलेक्टर से मदद मांगी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। 12 दिसंबर, 2017 को कलेक्टर और एसपी से शिकायत की तो कलेक्टर ने कहा कि आप झारखंड में जज हैं न, आप कानून पढ़कर आएं। उन्होंने यह भी कहा कि वे एसडीएम के आदेश को नहीं मानेंगे।

डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने किया जज को फोन

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को बचाने के लिए जालौन के कलेक्टर व एसडीएम ने सिफारिश की थी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह को 23 दिसंबर, 2017 को फोन कर बताया कि आप ही लालू का केस देख रहे हैं, जरा देख लीजिएगा। दिलचस्प तथ्य यह है कि जिस कलेक्टर ने शिवपाल सिंह को झारखंड में कानून पढ़कर आने की नसीहत दी थी, उन्होंने ही फोन कर लालू को बचाने की सिफारिश जज से की। इतना ही नहीं एसडीएम भैरपाल सिंह ने भी सिफारिश के लिए संपर्क साधा। हालांकि जज ने किसी की सिफारिश या दबाव पर ध्यान नहीं दिया।

जज के गांव में सड़क तक नहीं नहीं

जज शिवपाल सिंह के गांव शेखपुर खुर्द में पक्की सड़क तक नहीं है। उन्हें आज भी यह मलाल है कि पक्की सड़क नहीं होने के कारण उनकी 90 वर्षीय मां का निधन इलाज के अभाव में हो गया था। बारिश होने पर उन्हें 700 मीटर तक जूते हाथ में लेकर घर जाना पड़ता है। जज शिवपाल सिंह के पिता अनपढ़ थे लेकिन उन्होंने सभी पुत्र-पुत्रियों को अच्छी शिक्षा दी। शिवपाल सिंह पांच भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनकी दो बहनें भी हैं। एक बड़ी हैं और दूसरी छोटी।

जज की जेहन में आज भी यह बात कौंधती है कि जब वे पढ़ाई करने के लिए स्कूल जाते थे तो विरोधी उनका रास्ता रोकने का कार्य करते थे। उन्होंने सिहारीदाउदपुर के श्रीअग्नू जूनियर हाई स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। 1978 में सनातन धर्म इंटर कॉलेज पुरई से 10वीं की। इसके बाद स्नातक किया। इलाहाबाद से विधि की पढ़ाई पूरी की। शिवपाल सिंह की पत्नी गोड्डा में एसडीजेएम थीं, लेकिन 13 सितंबर, 2004 को उनका निधन हो गया।

जिलाधिकारी पर कब होगी कार्रवाई

जालौन जिलाधिकारी ने लालू को सजा से बचाने के लिए पैरवी की थी। एसडीएम ने इस मामले में जज से संपर्क करके सिफारिश की थी। सीबीआई जज शिवप्रताप सिंह जालौन जिला के रहने वाले हैं। फैसला सुनाने से पहले जज ने इस बात का जिकर किया था। हालांकि इस मामले में योगी सरकार एक अपराधी की पैरवी करने पर बिफरी हुई है। शासन ने आला अधिकारियों को दोपहर तक तलब किया है। दिल्ली से भी आला कमान ने चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद से शाशन में हड़कंप मचा हुआ है।

Related posts

webr00t

Sudhir Kumar
8 years ago

बलरामपुर: दबंगों ने गरीब परिवार के घर में लगाई आग

Short News
6 years ago

Exclusive CCTV: पुलिस की सक्रियता से अपहरण के बाद मासूम सकुशल बरामद!

Sudhir Kumar
8 years ago
Exit mobile version