जदयू ने अचानक चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर सभी कार्यकर्ताओं को सकते में डाल दिया।
- जदयू ने इसका कारण बताया गया कि उप्र में अगर चुनाव लड़ेंगे तो साम्प्रदायिक शक्तियों को ताकत मिलेगी और धर्म निरपेक्ष्य ताकते होंगी।
- इस निर्णय से कार्यकर्ता उदासीन एवं दिशाहीन हो गए हैं।
- यह बात पार्टी कार्यालय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन ने कहीं।
- इस दौरान उनके साथ तमाम कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सपा-कांग्रेस के गठबंधन से हुई मजबूत
- उन्होंने कहा कि मैंने उप्र पार्टी के कार्यकताओं को लामबन्द करने और दिश देने एवं स्थायित्व के लिए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से राय मशविरा लेकर ही यह फैसला लिया है।
- उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी-कांग्रेस के गठबंधन से पार्टी मजबूत चुनाव लड़ रही है।
- सपा से समय-समय पर हम लोगों का एका की और विलय की बात भी चली है।
- बिहार में कांग्रेस पहले से ही पार्टी के साथ गठबन्धन में है।
- इसलिए इस गठबन्धन का समर्थन देने का निर्णय पार्टी ने लिया है।
- ताकि कार्यकर्ताओं को गतिशील बनाकर धर्मनिरपेक्षता को बल दिया जा सके।
- इसी काम में सपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस गठबन्धन के लिए समर्थन मांगा जिस पर इन विन्दुओं पर विचार करते हुए और सपा कांग्रेस के घोषणा बिहार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं को देखते समर्थन देना उचित समझा गया।
- इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सी त्यागी का बयान आया कि हमारी पार्टी उप्र में किसी का समर्थन नहीं कर रही है और वहां की इकाई भंग है।
- उन्होंने कहा तब मैने इस बात का जोर दार ढंग से खण्डन किया कि, इकाई भंग होने की किसी को भी जानकारी नहीं और हमारे सभी पार्टी के पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्ष एकजुट हैं।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें