2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने भी अपनी सत्ता में वापसी के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने पर नजर लगी हुई है लेकिन बीजेपी की इस योजना को आगामी लोकसभा चुनावों के पहले करार झटका लगा है। बीजेपी के सहयोगी दलों में शामिल एक राजनैतिक पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश में बनने वाले महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।
बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें :
लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में जो दल बीजेपी के साथ थे, वे अब लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ छोड़ते नजर आ रहे हैं। भाजपा के खिलाफ बन रहे विपक्षी दलों के महागठबंधन में जनवादी पार्टी सोशलिस्ट ने शामिल होने का ऐलान किया है। इसके साथ ही पार्टी घोसी लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोंकेगी। भारतीय जनता पार्टी पर पिछड़ों, दलितों के नाम पर वोट मांगने व बाद में धोखा देने का आरोप लगाते हुए विरोध का बिगुल फूंक दिया है। 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिहं ने पूर्वांचल में तेजी से पांव पसार रहे राष्ट्रीय जनवादी पार्टी को बीजेपी के सहयोगी दल के रुप में पार्टी में शामिल किया था। अब उसी जनवादी पार्टी ने 11 नवम्बर को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है।[/penci_blockquote]
अखिलेश यादव होंगे मुख्य अतिथि :
आगामी 11 नवंबर को रेलवे मैदान में सम्राट पृथ्वीराज चौहान जन स्वाभिमान रैली का आयोजन होगा। इसमें बतौर मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल होंगे। मीडिया को यह जानकारी जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने मऊ के नगर पालिका कम्युनिटी हॉल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। जनवादी पार्टी को बीजेपी से अलग होने का पूरा फायदा समाजवादी पार्टी लेने को तैयार दिख रही है।
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