यूपी के सहारे अपना खोया राजनीतिक वजूद हासिल करने की कवायद में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है। आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ही कांग्रेस आलाकमान ने उत्तर प्रदेश में गुलाम नबी आजाद को प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया है। इससे पहले यूपी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के रणनीतिकार बने प्रशांत किशोर ने अपनी रिपोर्ट में मुस्लिम-ब्राम्हण गठजोड़ के जरिये वापसी की सुझाव दिया था। जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने गुलाम नबी आजाद के तौर पर मुस्लिम चेहरे को प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया था।
- पीके की रणनीति पर अमल करते हुए कांग्रेस अब प्रदेश अध्यक्ष के रूप में किसी ब्राम्हण चेहरे को सामने ला सकती है।
- कांग्रेस प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद आज यहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर रहें हैं, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष के चेहरे पर फैसला किया जा सकता है।
- मालूम हो कि आजाद 16 जून को कांग्रेस के नए संगठन और चुनावी तैयारियों पर चर्चा के लिए लखनऊ आ रहे हैं।
- प्रभारी बनाये जाने के बाद आजाद के पहली बार लखनऊ आने पर उनके जोरदार स्वागत की तैयारियां की गई हैं।
- पत्रकारों से बातचीत के दौरान खुद आजाद ने भी प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल दल का नेता बदले जाने की बात से इंकार नहीं किया है।
- यूपी चुनावों में कांग्रेस की रणनीति के बाबात पुछे गए सवाल के जवाब में आजाद ने कहा कि यूपी जाने के बाद रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
- सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने भी प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की स्वीकृति दे दी है, और उन्होने गुलाम नबी आजाद को यूपी जाकर प्रदेश के नेताओं से मुलाकात करने के निर्देश दिये हैं।
- खबर है कि कांग्रेस यूपी में किसी ब्राम्हण नेता को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है, जबकि किसी दलित विधायक को विधानमंडल दल का नेता बनाया जाएगा।
- प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों पर चर्चा चल रही है, उसमें जतिन प्रसाद का नाम सबसे आगे है, क्योंकि जतिन युवा हैं, और राहुल गांधी की कोर टीम के सदस्य भी रह चुके हैं।