जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का एक ऐसा मंदिर जहां देवता को श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर फूल, माला और प्रसाद नहीं बल्की प्रसाद की जगह घड़ी चढ़ाते हैं। शद्धालुओं का मानना है कि ऐसा करने से मंदिर के देवता खुश होते हैं। साथ ही उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है। भक्तों के बीच यह घड़ी वाले बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हैं।
घड़ी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध है मंदिर।
दरहसल यह घड़ी वाले बाबा का मंदिर मड़ियाहूं तहसील के जगन्नाथपुर गांव में बना है, जो जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित है। यहां घड़ी चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत करीब 30 साल पहले एक ट्रक ड्राइवर ने की थी।
मन्नत पूरी होने पर मंदिर में एक दीवार पर चढ़ाई थी घड़ी।
स्थानीय लोग बताते हैं कि एक व्यक्ति ब्रह्मबाबा से ड्राइविंग सीखने की मन्नत मांगी थी। उसने कहा था कि यदि वह ट्रक चलाना सीख लेगा, तो मंदिर में घड़ी चढ़ाएगा। मन्नत पूरी होने पर उस व्यक्ति ने मंदिर में एक दीवार घड़ी चढ़ाई। इसके बाद मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में घड़ी चढ़ाने की परंपरा बन गई है। इसे आज भी लोग मानते हैं।