उत्तर प्रदेश के मथुरा के बहुचर्चित जवाहरबाग काण्ड मामले में हैदराबाद एफ.एस.एल. ने आज एक रिपोर्ट पेश करते हुए एक बेहद चौकाने वाला खुलासा किया है. हैदराबाद एफ.एस.एल. ने अपने रिपोर्ट में साफ़ किया की जवाहरबाग काण्ड के कंस रामवृक्ष यादव के शव का DNA उसके बेटे से मैच नही हो रहा है. गौरतलब हो कि भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस हाईकोर्ट की मांग की थी.
बीजेपी नेता ने याचिका दाखिल कर की थी DNA जांच की मांग-
- साल 2014 में रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में सशस्त्र अतिक्रमणकारियों के एक दल ने जवाहर बाग की भूमि पर कब्जा कर लिया था.
- काफी कोशिश के बाद भी पुलिस व प्रशासन यह अवैध कब्जा नहीं हटा सकी थी.
- इस संबंध में हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई, जिसके बाद हाईकोर्ट से कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए थे.
- जिसके बाद 2 जून 2016 पुलिस फोर्स जवाहर बाग को खाली कराने पहुंची.
- जहां रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में सशस्त्र अतिक्रमणकारियों हमला बोल दिया.
- इस हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव शहीद हो गए थे.
- वहीं कई पुलिस वाले भी गंभीर रूप से घायल हो गए.
- पुलिस की जवाबी कार्रवाई में लगभग 22 सशस्त्र अतिक्रमणकारी भी मारे गए थे.
- वहीँ इस हिंसा में मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत भी आग से झुलसकर हुई थी.
- मामले में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर के शव के DNA जांच की मांग की थी.
- जिसके बाद कोर्ट ने शव के DNA जांच के आदेश दिए गए थे.
- आज हैदराबाद एफएसएल द्वारा इस मामले में रिपोर्ट पेश गई.
- जिसमे कथित रामवृक्ष यादव के शव से उसके बेटे का DNA मैच होता नही मिला है.
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