उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित जवाहर बाग़(jawahar bagh) में बीते साल जय गुरुदेव के कब्जाधारी-बंदूकधारी अनुयायियों ने बाग़ पर जमे कब्जे को हटवाने पहुंचे पुलिस दल पर गोलियां बरसाई गयी थीं, जिसमें एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी समेत SHO संतोष कुमार की मौत हो गयी थी। साल भर पहले की नाकामी के बाद सूबे की मौजूदा योगी सरकार ने जवाहर बाग़ में जय गुरुदेव के आश्रम से कब्ज़ा हटवाने की योजना बनायी है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर तैयार की गयी रणनीति(jawahar bagh):
- उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित जवाहर बाग़ में जय गुरुदेव के कुछ अनुयायियों ने अपना कब्ज़ा जमाया हुआ था।
- जिसके बाद मौजूदा सरकार ने उस कब्जे को हटवाने की रणनीति तैयार कर ली है।
- यह रणनीति हाई कोर्ट के निर्देश पर तैयार की गयी है।
- गौरतलब है कि, बीते साल कब्ज़ा हटवाने गयी पुलिस टीम पर जय गुरुदेव के अनुयायियों ने गोलियां बरसाई थीं।
- जिसमें एसपी सिटी समेत SHO शहीद हो गए थे।
डीएम मथुरा की जिम्मेदारी तय(jawahar bagh):
- हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जय गुरुदेव आश्रम का कब्ज़ा हटवाने की पूरी तैयारी कर ली गयी है।
- इसके साथ ही रणनीति के तहत सभी को उनकी भूमिका भी समझा दी गयी है।
- जिसके तहत ADG आगरा को कानून-व्यवस्था के लिए नामित किया गया है।
- वहीँ डीएम मथुरा और नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है।
- इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह, MD UPSIDC की भी जिम्मेदारी तय कर ली गयी है।
- प्रशासन ने यह सबक राम रहीम और जवाहर बाग़ कांड से लिया है।
- इस रणनीति को सूबे के मुख्य सचिव ने तैयार किया है।
4 साल पुराने कब्जे के लिए रणनीति(jawahar bagh):
- जय गुरुदेव के अनुयायी बीते 4 सालों से जवाहर बाग़ में कब्ज़ा जमाकर बैठे हुए हैं।
- कब्जे की शुरुआत साल 2013 में तीन दिन के अस्थायी कैंप लगाकर प्रदर्शन की मांग से हुई थी।
- जिसके बाद धीरे-धीरे पूरे जवाहर बाग़ में कब्ज़ा जमा लिया गया था।
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