राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के महासचिव जयंत चौधरी गुपचुप तरीके से लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे। सपा दफ्तर में जयंत चौधरी ने अखिलेश से बंद कमरे में करीब पौन घंटा बातचीत की। उन्होंने सवर्ण आरक्षण को भाजपा का चुनावी जुमला बताते हुए सीबीआई और अन्य संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया। रालोद उपाध्यक्ष ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच ताजा राजनीतिक हालत पर चर्चा हुई है। समझा जाता है कि दोनों के बीच गठबंधन पर को लेकर बातचीत हुई है। जयंत ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन में साथ रहने का इरादा जताया लेकिन सीटो के बंटवारे पर कुछ कहने से इन्कार कर दिया। जल्दी ही गठबंधन पर हो निर्णय हो सकता है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा गरीब सवर्णो को आर्थिक आधार पर भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को भाजपा सरकार का एक और बडा जुमला करार देते हुये कहा कि यदि भाजपा सरकार आर्थिक आधार से कमजोर सवर्णो के लिए वाकई कुछ करना चाहती थी तो उसे सर्वदलीय बैठक और संसद का विषेष सत्र इस विषय को लेकर आहुत करना चाहिए था क्योंकि इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। लेकिन सरकार की मंशा स्पष्ट न होने के कारण देश की जनता इसे संदेह की दृष्टि से ही देख रही है।
अनिल दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की आहट देखकर भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से राजनैतिक स्वार्थ हासिल करने के लिए वह देष की जनता का वोट बटोरने के लिए नये नये हथकण्डे अपना रही है कभी सवर्णो को, कभी दलितों को तो कभी पिछडों के साथ लोक लुभावन वादे करके उनको पुनः ठगने का षडयंत्र रच रही है।
भारतीय जनता पार्टी झूठ और फरेब की बुनियाद पर राष्ट्रीय जनमानस के साथ छल के अतिरिक्त कुछ नहीं कर रही है इस सरकार का अब तक का कार्यकाल गांव गरीब और किसान तथा नौजवान की उपेक्षा करना ही रहा है। अब यह सवर्ण आरक्षण का लाॅलीपाप लेकर उनके उत्थान के नाम पर पुनः छल की मुद्रा में आकर खडे हो गये हैं जिसे सभी लोग भलीभांति समझ रहे हैं कि यह आसन्न लोकसभा चुनाव को देखते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फेका गया एक और जुमला है।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]