प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते दिनों 500 और 1000 के नोटों को भारतीय बाजार में बंद कर दिया गया है। पीएम मोदी के इस फैसले की कोई सराहना कर रहा है तो कोई इसे उनकी सबसे बड़ी नाकामयाबी बता रहा है। पीएम मोदी के इस कदम को कालाधन की रोकथाम के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद करने के लिए बड़े पैमाने पर कोशिशें तेज हो गयी है।
- इस खबर के बाद अब आयकर विभाग और सेंट्रल एक्साइज विभाग भी सक्रिय हो गया है।
- आयकर विभाग को सूचना मिली है कि बड़े ज्वैलर्स और बुलियन कारोबारियों की मदद के कालेधन को सफेद किया जा रहा है।
- इसके बाद डीजीसीईआइ की टीमें लखनऊ और कानपुर समेत प्रदेश के बड़े शहरों में सक्रिय हो गयी हैं।
- आयकर विभाग ने 7 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक की खरीद और बिक्री का पूरा ब्योरा 12 नवंबर की शाम तक उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
- डीजीसीईआइ और आयकर विभाग की सक्रियता से ज्वैलर्स में खलबली मच गयी है।
- फिलहाल सभी ज्वैलर्स अपनी हिसाब-किताब दुरूस्त करने में जुट गए हैं।
50 हजार तक पहुंचा सोनाः
- डायरेक्टर जनरल आफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस के लखनऊ मुख्यालय को जानकारी मिली की 8 नवंबर की रात को 500 और 1000 रूपये के नोटों के बंद होने के बाद जिन लोगों के पास काला धन है, वे ज्वैलर्स और बुलियन कारोबार में निवेश कर रहे हैं।
- इसके बाद 30 हजार रूपये प्रति 10 ग्राम भाव का सोना 50 हजार रूपये प्रति 10 ग्राम की दर तक पहुंच गया।
- आयकर विभाग को सूचना मिली है कि कई नेताओं ने करोड़ो रूपये ज्वैलर्स और बुलियन कारोबारियों के यहां निवेश किये हैं।
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