बुन्देलखंड में पेयजल संकट के समाधान के लिए झांसी में बने एरच बाँध परियोजना में धांधली का मामला सामने आया हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना में शामिल 18 सिंचाई इंजीनियरों के खिलाफ जाँच के आदेश दिए हैं. 

सीएम योगी ने दिए ईओडब्ल्यू जांच के आदेश:

झांसी जनपद में सिंचाई और पेयजल के लिए मील का पत्थर बनने वाली एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना सैकड़ों गाँवों की समस्या दूर कर पाए उससे पहले ही इसमें धांधली और भ्रष्टाचार का मामला सामने आ गया हैं.

अखिलेश सरकार कि महत्वकांक्षी योजना रही एरच बाँध परियोजना 721 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन है. जो कि बुन्देलखंड की सिंचाई और पेयजल समस्या को दूर करने के लिए शुरू की गयी थी. लेकिन अब परियोजना में करोड़ो की धांधली का मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने ईओडब्ल्यू जांच के आदेश दे दिए हैं.

सीएम योगी के निर्देश पर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने सिंचाई के 18 इंजीनियरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि इस परियोजना में 16 करोड़ 04 लाख का घोटाला सामने आया है. जिसके बाद अब 18 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शुरू से विवादों में रहा एरच बाँध परियोजना:

बता दें कि अखिलेश सरकार में बेतवा नदी पर जनपद झाँसी में एरच के पास पेयजल के लिए बाँध का निर्माण करने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों के अनुपालन में प्रमुख नदी बेतवा नदी पर स्थित पारीछा बांध से लगभग 40 किमी. डाउन स्ट्रीम में झांसी की तहसील गरौठा के विकास खण्ड बामौर में ग्राम जुझारपुरा के निकट एरच बाँध बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित हुई।

इसकी लागत शुरूआत में 721 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई, जिसपर मंत्रिपरिषद की बैठक में इसको 612 करोड़ पर स्वीकृत किया गया। परियोजना के निर्माण एवं भराव क्षेत्र में 55 हेक्टेयर कृषक भूमि एवं 39 हेक्टेयर सामाजिक वन भूमि प्रभावित हुई।

चुनाव के बाद काम रुका:

प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार रहते हुए परियोजना पर करीब 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया। उसके बाद प्रदेश में विधानसभा के चुनाव आ गए और कार्य धीमा पड़ गया। निर्वाचन उपरांत प्रदेश की सत्ता भाजपा के हाथ में पहुंच गई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के बाद मंत्रियों ने प्रदेश में अपने विभागों के कार्यों का भ्रमण किया।

इस दौरान झाँसी आए नव निवार्चित सिंचाई मंत्री ने एरच बांध परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान कई कमियां सामने आने पर तीन मुख्य अभियंताओं की टीम से जाँच कराई गई।

मार्च 2018 तक काम पूरा होना था प्रस्तावित:

जाँच में कई महत्वपूर्ण वित्तीय व तकनीकि गड़बडियां उजागर होने की संभावना पर गहन जाँच शुरू हो गई और परियोजना का कार्य रुक गया। अब तक इस परियोजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके थे। इस परियोजना को मार्च 2018 में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था। हालांकि अब तक यह संभव नहीं हो सका.

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