उत्तर प्रदेश के झांसी जिला स्थित गवली माता के मंदिर में हो रहे चमत्कार को भक्त भूल नहीं पा रहे हैं। गवली माता के मंदिर पर जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। यह मंदिर झांसी जिले के 80 किलोमीटर दूरी पर रेवन गांव के पास जंगल में बना हुआ है।
1000 हजार कुंतल से अधिक था दोनों मूर्तियों का बजन
यहां के लोगों का कहना है रेवन गांव के एक जानवर चराने वाले चरवाहे को सपना आया था। सपने में गवली माता ने कहा कि मुझे जमीन से निकाल लो भक्त। सुबह चरवाहे ने यह बात अपने गांव वालों की बताई, लेकिन कुछ लोगों ने उसकी बात का मजाक उड़ाया। लेकिन गांव के कुछ लोग उस स्थान पर गए और उस जगह खोदाई की तो उसमें विशाल दो मुर्तिया दिखाई पड़ी। मूर्तियों की खबर सुनकर गांव वाले पहुंचे तो उन दोनों मूर्तियों को जमीन से निकाला गया। दोनों मूर्तियों का बजन 1000 हजार कुंतल से अधिक था।
आल्हा ऊदल करने आते थे मंदिर में पूजा
गांव वालों ने भजन कीर्तन किया, लेकिन दोनों मूर्तियों को गांव वाले हिला भी नहीं पाए। लेकिन गाँव वालों का कहना है कि इन मूर्तियों को गांव की दो कन्याओ ने अपना हाथ लगाया तो मूर्तियां का बजन हल्का हो गया और गांव वाले बैलगाड़ी पर रख कर इन मूर्तियों को गांव के बाहर बने एक तालाब के पास स्थापना की गई। लोगों का कहना है इस मंदिर पर आल्हा ऊदल पूजा करने आते थे। कुछ लोगों का कहना है कि यह आल्हा-ऊदल की कुलदेवी बताई जाती है। गांव के लोग आज भी बताते है इस मंदिर पर रात में शंख झालरों की आवाजें आती हैं और रात में इस मंदिर पर 9 देवी नाच करती है। गवली माता के मंदिर पर जिन महिलाओं के संतान नहीं होती है। उन महिलाओं की माता गवली झोली भरती हैं।
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