सपा सरकार के शासनकाल में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए अवर अभियंताओं (जेई) की भर्ती में बड़ा घपला हुआ था। आयोग की जांच में 107 इंजीनियरों की भर्ती गलत पाई गई है। सेवा में कार्यरत इन इंजीनियरों की नौकरी जानी तय मानी जा रही है। आयोग गलत तरीकेसे चयनित इंजीनियरों की जगह पात्र अभ्यर्थियों की चयन सूची शनिवार को जारी कर सकता है। इस सम्बन्ध में यूपीएसएसएससी के चेयरमैन सीबी पालीवाल ने कहा कि ‘जेई भर्ती की जांच पूरी हो गई है। 107 इंजीनियरों का चयन गलत पाया गया है। इनके स्थान पर 107 पात्र अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी करने की कार्यवाही चल रही है। जल्दी ही संशोधित सूची जारी की जाएगी।’
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लोक निर्माण व सिंचाई विभाग आदि में इंजीनियरों के रिक्त 757 पदों के लिए भर्ती का विज्ञापन निकाला था। चयन प्रक्रिया 751 के सापेक्ष हुई। इन पदों पर 20 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। इस तरह 151 पदों पर महिलाओं की भर्ती होनी चाहिए। मगर, जांच में पता चला कि महिलाओं के लिए आरक्षित 151 पदों में से 76 पर पुरुषों की भर्ती कर ली। इसके अलावा 20 पदों पर दूसरे राज्यों की महिलाओं को नियुक्ति दे दी गई जबकि बाहरी राज्य का होने के नाते उन्हें महिला आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता था।
इसके अलावा दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया की वजह से मेरिट में आने वाले 7 अभ्यर्थी भी बाहर हो गए थे। अब नियमानुसार चयन प्रक्रिया अपनाने से इन सात को भी नौकरी मिल जाएगी। 4 नि:शक्त अभ्यर्थियों का भी चयन हो जाएगा। इस तरह गलत चयन प्रक्रिया से नौकरी कर रहे 107 इंजीनियरों की नौकरी जाएगी और इतने ही पात्र अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सकेगी। अधिकारी ने बताया कि जांच के बाद पूरे तथ्य सामने आ गए हैं। आयोग जेई भर्ती का संशोधित रिजल्ट शनिवार को जारी करने की तैयारी कर रहा है। जिन कार्यरत इंजीनियरों की नौकरी खतरे में आई है उनमें पीडब्ल्यू से जुड़े इंजीनियर ज्यादा हैं।