अलविदा जुमा को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (स.अ.व) ने अलविदा-अलविदा मिन शहरे रमजान का खुतबा दिया था। इसलिए आज भी मस्जिदों के इमाम अलविदाई खुतबा पढ़ते हैं। इस पाक महीने के आखिरी जुमा को अलविदा जुमा कहा जाता है। अलविदा का मतलब है किसी चीज का रुखसत होना। …यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है। इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला रमजान हम सब को नसीब में हो और पूरे साल हम हर मुसीबत से महफूज रहें।
रमजान के आखरी जुमे को लखनऊ शहर सहित पूरे देश में अलविदा जुमा की नमाज शुक्रवार को अदा की गई। गर्मी को देखते हुए मस्जिदों में नमाज के विशेष इंताजम किए गए थे लेकिन सुबह हुई झमाझम बारिश ने कुछ हद तक रोजेदारों को राहत दी। राजधानी की जामा मस्जिदों में शामियाने लगाए गए थे। रोजेदारों की तादात बढ़ने पर अतिरिक्त दरी-चांदनी का इंतजाम भी किया गया था। खासकर, ऐशबाग ईदगाह, टीले वाली मस्जिद, बड़ा इमामबाड़ा की आसिफी मस्जिद, दरगाह शाहमीना शाह और दादा मियां की दरगाह स्थित मस्जिद पर टेंट गुरुवार से ही लगवा दिए गए थे। अलविदा की नमाज़ पूरी आस्था और अक़ीदत के साथ अदा की गई। टीले वाली मस्जिद में रमजान को अलविदा कहने और खुदा के आगे सर झुकाकर देश की तरक़्क़ी, विकास और सलामती की दुआ करने के लिए शुक्रवार को हज़ारों लोग जमा हुए। नमाज में रोजेदारों ने मुल्क की सहित आवाम की सलामती की दुआ मांगी।
इधर से न यातायात रहा प्रतिबंधित
➡सीतापुर रोड से कोई भी वाहन पक्का पुल नहीं जाएगा।
➡पक्का पुल खदरा की तरफ तिराहा से यातायात पक्का पुल नहीं आएगा।
➡हरदोई रोड से बडे़ वाहन व बसें बड़े इमामबाड़े व टीले वाली मस्जिद नहीं आएंगी।
➡कोनेश्वर चौराहे से सामान्य यातायात घंटाघर नहीं जा सकेगा।
➡नीबू पार्क से यातायात बड़ा इमामबाड़ा व टीले वाली मस्जिद नहीं जाएगा।
➡चौक तिराहे से सामान्य यातायात नीबू पार्क तिराहा नहीं जाएगा।
➡मेडिकल क्रॉस चौराहे से वाहन नीबू पार्क तिराहा नहीं जा सकेगा।
➡शाहमीना तिराहे से सामान्य यातायात पक्का पुल नहीं जा सकेगा।
➡डालीगंज पुल से सीतापुर रोड रोडवेज बस ,जीप, कार, बाइक पक्का पुल नहीं आएंगी।
➡शाहमीना से हरदोई रोड जाने वाले बसें पक्का पुल नहीं जा सकेगी।
इधर से खुला रहा रास्ता
➡सीतापुर रोड से वाहन डालीगंज रेलवे क्रासिंग ओवरब्रिज से बाएं मुड़कर आईटी होकर जाएं।
➡पक्का पुल से पहले तिराहे से बंधा रोड या नया पुल होकर जाएं।
➡हरदोई रोड से कोनेश्वर चौराहे से दाहिने चौक चौराहा, मेडिकल कालेज चौराहा होकर जाएं।
➡कोनेश्वर से चौक चौराहा, मेडिकल क्रास/हरदोई रोड होकर जाएं।
➡नीबू पार्क के पीछे नया पुल होकर जाएं।
➡चौक तिराहे से कोनेश्वर चौराहा/मेडिकल क्रास होकर जाएं।
➡मेडिकल क्रास से चौक, कोनेश्वर चौराहा होकर जा सकेंगे।
➡शाहमीना से मेडिकल कालेज/डालीगंज पुल/आईटी होकर जाएं।
➡डालीगंज पुल से आईटी, कपूरथला होकर जाएं।
➡शाहमीना तिराहे से बाएं मेडिकल कालेज, चौक, कोनेश्वर चौराहा होकर जाएं।
किस मस्जिद में कब पढ़ी गई अलविदा की नमाज
बड़े इमामबाड़े की आसिफी मस्जिद में भी शिया समुदाय के लोगों ने अलविदा की नमाज़ अदा की। वहीं टीले वाली मस्जिद और आसिफी मस्जिद में नमाज़ अदा की गई। हर साल की तरह इस साल भी भीड़ को मद्देनज़र सुरक्षा के बेहतर बन्दोंबस्त किये गए थे। हलकी बारिश की वजह से नमाज़ से पहले लोगों को कुछ मुश्किल ज़रूर पेश आई, लेकिन नमाज़ बहुत सुकून के साथ खुशगवार माहौल में अदा की गई और उसके बाद लोगों ने दुआओं के हाथ आसमान की तरह बुलंद कर दिए।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, ड्रोन कैमरे से रही नमाज की निगरानी
अलविदा की नमाज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शहर के साथ देहात के कई थानों का फोर्स शहर में लगाया गया। शुक्रवार को कई कंपनी आरएएफ, पीएसी, इंस्पेक्टर, सिपाही, होमगार्ड की तैनाती की गई थी। मस्जिद पर शरारती तत्वों की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन ड्रोन कैमरे से नमाज की निगरानी कर रही थी। ड्रोन कैमरे की मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम में लगी एलईडी स्क्रीन पर शरारती तत्वों की हर गतिविधि पर पुलिस अधिकारी नजर रख रहे थे।