पिछली 15 सितंबर से आंदोलन कर रहे राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के बैनर तले प्रदेश के विभिन्न जिलों में शनिवार को जूनियर इंजीनियरों ने 24 घंटे का मुख्यालयों पर सामूहिक उपवास/सत्याग्रह किया। जूनियर इंजीनियरों ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों से संबोधित मांगपत्र पॉवर कार्पोरेशन के अध्यक्ष को प्रशासनिक अधिकारियों के जरिये सौंपा। बिजली विभाग के अधिकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए साफ किया कि वो मांगें पूरी होने तक धरना प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। साथ ही 2 अक्टूबर को बिजली कंपनी के खिलाफ 48 घंटे उपवास कर धरना देंगे। राजधानी लखनऊ में जूनियर इंजीनियरों ने शक्तिभवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के केंद्रीय महासचिव जीवी पटेल ने बताया कि निगम द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने विभाग में फैली अनियमितताओं को बंद करने, विद्युतकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने, 4600 रुपये ग्रेड वेतन का लाभ 1 जनवरी 2006 से दिया जाना आदि मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी सुनवाई नहीं होती है तो 27 सिंतबर को 48 घंटे का क्षेत्र/परियोजना/केस्को मुख्यालय पर उपवास का कार्यक्रम किया जाएगा। पांचों कंपनी लेवल पर ये धरना होगा। अगर इसके बाद भी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो अनिश्चितकालीन उपवास या जेल भरों आंदोलन किया जाएगा जिससे जनता को भी परेशानी होगी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ये हैं संगठन की 13 सूत्रीय मांगे[/penci_blockquote]
➡अवर अभियंता का ग्रेड वेतन 4600 रूपये एवं प्रारंभिक वेतन 12540 रूपये किए जाने संबंधी कारपोरेशन के आदेशों की प्रभावी तिथि 1 जनवरी 2006 की जाए।
➡दिनांक 14 फरवरी 2007 को कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा जारी आदेश संख्या 91 काविनी/पाकाल/29 काविनी/ 94 के अनुसार अवर अभियंता को अनुमन्य समयबद्ध वेतनमान की व्यवस्था को बहाल करते हुए सातवें वेतन आयोग के पुनरीक्षण में दिनांक 1 जनवरी 2016 से अवर अभियंता को 9,14 एवं 19 वर्षों पर क्रमशः एसीपी सहायक अभियंता पद का वेतनमान (लेवल 11 से 56100), द्वितीय एसीपी अधिशासी अभियंता पद का वेतन मान लेवल (12 में 67700) तथा तृतीय एसीपी अधीक्षण अभियंता पद का वेतनमान (लेवल 13 में 131100) दिया जाए।
➡कारपोरेशन द्वारा विभाग के सहायक अभियंता (विद्युत एवं यांत्रिक) जारी अंतिम वरिष्ठता सूची प्रबंधन एवं संगठन के मध्य 8 सितंबर 2017 को संपन्न वार्ता में संगठन की आपत्तियों को समाहित कर संगठन को विश्वास में लेकर वरिष्ठता निर्धारण करना सुनिश्चित किया जाए।
➡अवर अभियंता (प्रभारी) की भ्रष्ट एवं विनियम व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
➡सभी विद्युत कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (जीपीएफ) से आच्छादित किया जाए।
➡उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में बढ़े हुए कार्यों एवं निर्माणाधीन ताप विद्युत परियोजनाओं के दृष्टिगत एवं वर्गों के नए पद यार्ड स्टिक के अनुसार स्वीकृत किए जाएं। कार्य की आवश्यकता/आकस्मिक की स्थिति में ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में रिक्त अवर अभियंता सहायक अभियंता के पदों पर सीधी भर्ती/प्रोन्नत द्वारा भरा जाए।
➡विद्युत व्यवस्था के सफल संचालन के लिए विद्युत चोरी रोकने एवं गुणवत्ता 24 घंटे सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा नियमों में अवर अभियंता/अभियंता जैसे संवेदनशील पदों पर आउटसोर्सिंग समाप्त कर अति शीघ्र ही स्थाई कर्मियों की नियुक्ति की जाए।
➡उत्पादन निगम लिमिटेड में 40% कोटे के रिक्त लगभग 100 सहायक अभियंता के पदों को उत्तर प्रदेश शासन/निगमों के आदेशों के अनुरूप विगत वर्षों की भांति पात्रता अवधि में आवश्यकता प्रदान करते हुए अतिशीघ्र द्वारा भरा जाए।
➡विभागीय कार्य के अधिकतर सूचनाएं कंप्यूटरीकृत व्यवस्था के अंतर्गत होने के कारण अवर अभियंताओं को एक कंप्यूटर, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं सामग्री प्रबंधन के लिए एक साइट्स स्टोर सुरक्षा प्रबंधन के साथ उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
➡8-बी के प्रकरणों का समायोजन उच्चाधिकारियों द्वारा निश्चित समय अवधि में पूर्ण करना सुनिश्चित कराया जाए तथा 8बी में विधिक प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों पर अनुपातिक व्यवस्था के अनुरूपता में निर्धारित किया जाए।
➡अवर अभियंताओं को वाहन प्रतिपूर्ति भत्ते का भुगतान वेतन के साथ प्रत्येक माह किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा अवर अभियंता/प्रोन्नत अभियंता संवर्ग के अधिष्ठान संबंधी कार्य तथा नियमितीकरण, स्थायीकरण, एसीपी प्रोंनातियाँ आदि निश्चित अवधि में की जाएँ।
➡उत्पादन निगम की विभिन्न योजनाओं को टाइप तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के आवासों की भारी कमी के कारण स्थांतरित अवर अभियंता/अभियंता अपने पूर्व की परियोजनाओं के आवासों पर अधिवासित रहने को विवश हैं। जिससे स्थान्तरित कर्मियों के साथ अन्य सभी कर्मियों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी परियोजनाओं विशेषकर अनपरा, ओबरा और जवाहरपुर तापीय परियोजनाओं पर पर्याप्त संख्या में टाइप तृतीय एवं टाइप चतुर्थी के आवास का निर्माण कराया जाए तथा अनपरा तापीय परियोजना के जरिए फील्ड हॉस्टल का अनुरक्षण कराकर उसे रहने योग्य बनाया जाए।
➡संगठन शाखा से 26 जुलाई 2018 को संपन्न हुई वार्ता में सहमति के बिंदुओं पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”उत्तर प्रदेश की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”uttar_pradesh_categories” orderby=”random”]