फर्रुखाबाद गंगा नदी इस समय नरौरा बांध से छोड़े गए 1.40 लाख क्यूसेक पानी के बाद जोरो से उफान पर है और गंगा का जल स्तर चेताबनी बिंदु के पास जा पंहुचा है. वहीँ गंगा नदी के कोतवाली सदर छेत्र के पांचाल घाट पुलिस चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर उफनाती गंगा में नाबालिग बच्चे अपनी जान की बाजी लगा रहे है |
पैसों के लिए उफनाती नदी में छलांग लगाते बच्चे:
मामला दरअसल पांचाल घाट गंगा नदी पुल का है जहा पर तकरीवन आधा दर्जन बच्चे गंगा नदी के पुल के ऊपर से सीधे गंगा नदी में छलांग लगा रहे है | यह नाबालिग बच्चे अपनी जान हथेली पर रखा कर यह कार्य सिर्फ इस लिए करते है की पुल के ऊपर से गुजर रहे राहगीर उसको कुछ पैसे इनके करतब को देख कर देते है |
सबसे बड़ा सवाल है की महेज 7 साल की उम्र में के बच्चे इस हैरतअंगेज कारनामे को कर जरूर रहे है लेकिन जल स्तर को देखते हुए किसी भी समय जान पर बन सकती है | इन नाबालिग बच्चो को रोकने वाला कोई नहीं है| गंगा घाट पुलिस चौकी से महेज 100 मीटर की दूरी पर है लेकिन कोई पुलिस कर्मी इन नाबालिगों को इस कृत्य के लिए नहीं रोकता |
यही है इनकी कमाई का मुख्य ज़रिया:
यह सभी बच्चे गंगा के किनारे बसे गांव सोताबहादुरपुर के है। दरअसल इस गांव में ज्यादातर लोग गंगा की कमाई से परिवार का भरण पोषण करते है इनके परिवार में पैदा होने वाला हर बच्चा तैराक बन जाता है। फिर भी एक कहावत है की तैरने वाले ही डूबते है। जब यह लोग चन्द रुपयों के लालच में पुल के ऊपर गंगा में कूदते है उस वक्त यदि शरीर का जरा भी बैलेंस बिगड़ जाए तो पेट फटने का डर बना रहता है। पुलिस इसी गांव के गोताखोरों की मदद से हर साल में गंगा में डूबे हजारों लोगों के शवों को पानी से बाहर निकलवाते है। दूसरी तरफ पुलिस दिन में एक दो बार इन लोगो को मना करती है तो यह लोग पुलिस को ठेंगा दिखाकर गंगा में छलांग लगा देते है।
किसी भी पुलिस वाले को तैरना नही आता है इसलिए वह इसका फायदा उठाते हैं।
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