यूपी के चर्चित कब्रिस्तान घोटाले पर प्रदेश सरकार ने जाँच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी. जाँच कमेटी ने 12 कॉलम का प्रोफार्मा तैयार किया था. जाँच कमेटी की पहली बैठक एनेक्सी में संपन्न हुई थी. कहा गया था कि जाँच होने के बाद पूरी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. लेकिन अब अचानक जाँच करने से समिति अध्यक्ष ने मना कर दिया है. इसके कारण अब कब्रिस्तान बाउंड्री वाल की जांच के लिए नए सिरे से समिति बनाई जाएगी.
विभाग में अधिक काम होने की वजह से जांच से किया मना:
- अब अल्पसंख्यक विभाग फिर से समिति का गठन करेगा.
- जांच के लिए बनी समिति अध्यक्ष ने जांच से इनकार कर दिया है.
- समिति के अध्यक्ष एसपी गंगवार ने जांच से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
- वर्तमान में नागरिक उड्डयन विभाग में तैनात गंगवार ने जाँच करने से इंकार कर दिया है.
- उन्होंने कहा है कि विभाग में अधिक काम होने की वजह से जांच नहीं कर सकते हैं.
- बता दें की बारह सौ करोड़ रुपए की कब्रिस्तान चारदीवारी योजना की जाँच की जानी है.
आजम खान पर ही है आरोप:
- कब्रिस्तान घोटाले की नींव सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खान द्वारा रखने का आरोप है.
- रामपुर में 387 कब्रिस्तान-श्मशान घाटों की बाउंड्री बनवाने में 200 करोड़ रुपये खर्च हुए.
- लखनऊ के 37 कब्रिस्तान-श्मशान घाटों की बाउंड्री बनवाने में 9.19 करोड़ रुपये खर्च हुए.
- बिजनौर में 167 कब्रिस्तान-श्मशान घाटों की बाउंड्री बनवाने में 1.56 करोड़ रुपये खर्च हुए.
- मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि रामपुर में सबसे ज्यादा आजम खान ने पैसे को लुटाया.
- उन्होंने उजरियांव गांव में कब्रिस्तान का निरीक्षण किया.
- मंत्री ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे.
- पहले चार सालों में 200-200 करोड़ रूपये ख़र्च हुए.
- जबकि आख़िरी यानी चुनावी साल में क़रीब पांच 500 करोड़ ख़र्च हुए.
- लेकिन शमशान की चारदीवारी पर सिर्फ़ 600 करोड़ ख़र्च किए गए.
- कब्रिस्तानों की चारदीवारी के घोटाले की जांच के बाद कइयों की गर्दन फंसने की उम्मीद है.