कैलाश छात्रावास में छात्राओं द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को लेकर हो रही राजनीति ने रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के माहौल को और गरम कर दिया। आइये जानते हैं कि किस तरह की गति विधियाँ होती रहीं कैलाश छात्रावास में-
- छात्राओं के द्वारा शनिवार को किये गए प्रदर्शन के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया।
- कैलाश छात्रावास में माहौल भी तनावपूर्ण रहा।
- विश्वविद्यालय के शिक्षक भी दो गुटों में बंटे हुए नजर आए।
- कैलाश छात्रावास की छात्राओं ने हॉस्टल में प्रेसवार्ता करके प्रोवोस्ट को बेदाग बताया।
- छात्राओं ने मीडिया पर भी आरोप लगाए।
- जवाबी कार्रवाई में समाजवादी छात्रसभा की ओर से हॉस्टल के बाहर प्रेसवार्ता की गई।
- समाजवादी छात्रसभा ने हॉस्टल की छात्राओं की ओर से रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा गया शिकायती पत्र की एक कॉपी और एक सीडी पेश की।
- समाजवादी छात्रसभा द्वरा आरोप लगाया गया है कि सीडी में हॉस्टल के अंदर होली के मौके पर छात्राओं के साथ होली खेल रहा युवक प्रोवोस्ट का बेटा है।
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शाम को कुलपति प्रो.एसबी निमसे ने प्रो. शीला मिश्रा के स्थान पर प्रो. मनुका खन्ना को कैलाश हॉस्टल का प्रोवोस्ट नियुक्त कर दिया।
- जांच के दौरान उन्होंने प्रो.शीला मिश्रा के हॉस्टल जाने पर भी पाबंदी लगाई गयी है।
- शनिवार को बिना अनुमति कैलाश हॉस्टल की छात्राओं द्वारा सड़क जाम करने की घटना के बाद रविवार को भी कैलाश हॉस्टल की छात्राओं ने खूब हंगामा किया।
- प्रो.शीला मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए पांच छात्राओं को चुनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
- छात्राओं ने प्रो.शीला मिश्रा को बेदाग बताया। उन्होंने मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया।
- शनिवार को छात्राओं के प्रदर्शन करने की घटना को कुलपति ने अति दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
- उनके अनुसार इस तरह से विश्वविद्यालय का माहौल खराब हो रहा है।
- इसके बाद शाम को प्रो. निमसे ने प्रो. शीला मिश्रा को जांच पूरी होने तक उनके पद से हटा दिया।
- उनके स्थान पर प्रो. मनुका खन्ना को जिम्मेदारी दी गई है।
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प्रो. शीला मिश्रा के खिलाफ छात्राओं ने अश्लील टिप्पणी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
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