उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में कैलाश मानसरोवर यात्रा(kailash mansarovar program) के लिए सब्सिडी दिए जाने की घोषणा की थी, जिसके तहत मंगलवार 13 जून को मुख्यमंत्री आवास 5 केडी पर सिन्धु दर्शन और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अनुदान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में मानसरोवर के 94 और सिन्धु दर्शन के 71 यात्रियों को अनुदान राशि वितरित की। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का संबोधन भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के मुख्य अंश(kailash mansarovar program):
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पर्यटन और संस्कृति के भी केंद्र हैं(kailash mansarovar program):
- ये यात्राएं केवल पर्यटन के केंद्र नही है बल्कि संस्कृति के भी केंद्र है,
- गौमुख या प्रयाग राज से पवित्र जल अभिषेक के लिए जाता है तो वो सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी बन जाता है।
- धर्म अलग है पहनावा अलग है।
- खान पान अलग है, लेकिन उन सबको एकता में पिरोने वाली है ये यात्रा
- 1962 से लेकर कुछ समय तक यह यात्रा खंडित रही,
- लेकिन केंद्र सरकार के प्रयासों से ये यात्रा फिर से शुरू हुई है।
- धार्मिक यात्राओं में हमें सरकारी चंदा लेना नही चाहिए,
- कैलाश मैन सरोवर यात्रा में ये इसलिए सही है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग आने संस्कृति से जुड़ पाए।
- धर्म को जब हम दायरे में कैद करने का प्रयास करते है को तो वो विनाशकारी भी बन जाता है।
- सिंधु दर्शन भी भारत को प्राचीनता का एहसास कराता है।
- हमारे राष्ट्रगान में भी सिंधु शब्द का उल्लेख है।
- सरकारों के जरिये धार्मिक यात्राओं को कम करना चाहिए।
- सामाजिक कुरीतियो से लड़ने के लिए समाज को ही आगे आना होगा।
- उत्तर प्रदेश इस मामले में भाग्यशाली है, यहां बहुत सारे तीर्थ स्थल है।
- सरकार इन तीर्थ स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
- तीर्थ स्थलों को सुगम बनाने के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है।