28 मई को होने वाले कैराना उपचुनाव के पहले सियासी गलियारों में नयी-नयी घटनाएँ देखने को मिल रही हैं। बीते दिन ही विपक्ष समर्थित सपा-रालोद की संयुक्त प्रत्याशी तब्बसुम हसन के खिलाफ लोकदल से चुनाव लड़ रहे उनके देवर कंवर हसन ने चुनावी मैदान से हटते हुए अपनी भाभी के समर्थन का ऐलान किया। इसका सीधा फायदा अब रालोद-सपा प्रत्याशी को मिलना तय माना जा रहा है। कंवर हसन के चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोटबैंक बिखरने का खतरा था जो अब गठबंधन को मिलना तय है। इसके अलावा पश्चिम यूपी के सबसे बड़े बाहुबली ने अब गठबंधन के प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया है जिसके बाद नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
कँवर हसन ने ज्वाइन की रालोद :
कैराना उपचुनाव के लिए मतदान के पहले ही यूपी की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। महागठबंधन से तबस्सुम हसन को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद उनके देवर कंवर हसन ने उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया था जिससे विपक्ष की मुश्किलें बढ़ गयी थी। लेकिन मतदान के पहले ही लोकदल के प्रत्याशी कंवर हसन ने विपक्षी समर्थित रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा मतदान के बिलकुकल पहले कंवर हसन ने रालोद ज्वाइन कर ली है। कँवर हसन ने कहा कि इस समय पूरा देश भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा है तो ऐसे में वे अलग क्यों जाएँ। उन्होंने कहा की वे अब रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन के लिए प्रचार करेंगे।
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भीम आर्मी प्रमुख ने दिया तबस्सुम हसन को समर्थन :
सियासी गलियारों में खबरें हैं कि भीम आर्मी चीफ और सहारनपुर जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ ‘रावण’ ने जेल से चिट्ठी लिखकर रालोद-सपा प्रत्याशी का समर्थन करने का ऐलान किया है। भीम आर्मी के चीफ ने अपने समर्थकों से गठबंधन उम्मीदवार का समर्थन करने की अपील की है। इस चिट्ठी में ‘रावण’ ने लिखा कि उनके वोट बंटने ना पाएं और सभी मिलकर तबस्सुम हसन को वोट करें और संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करें। ‘रावण’ ने लिखा कि ऐसा करना बेहद जरुरी है क्योंकि तभी अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे हमले रुकेंगे। भीम आर्मी चीफ ने ‘तानाशाही’ और ‘दलित विरोधी’ सरकार को सबक सिखाने की बात कही है। उसने कहा की बहुजन समाज का हर व्यक्ति सिर्फ गठबंधन के उम्मीदवार को वोट करे।