कैराना मामले में डीआईजी एके राघव ने शासन को अपनी अंतरिम रिपोर्ट भेज दी है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुओं के अलावा 58 मुस्लिम परिवारों ने भी घर छोड़ा है।
- 37 परिवार 10 साल पूर्व ही कैराना छोड़ चुके हैं।
- कैराना में 33 परिवार 1 से 5 साल के बीच गए।
- कैराना में चिकित्सीय सेवाएं बहुत अच्छी नहीं हैं इसलिए वहां के निवासी हरियाणा के जनपदों में अच्छी उपचार सुविधा के लिए जाते रहते हैं।
- शामली और कैराना में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा वहां के लोग हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, करनाल, चंडीगढ़, गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली जाकर पढ़ाई करते हैं।
इसके अलावा जाँच में ये भी कहा गया है कि जिस मुकीम गैंग के आतंक की बात की गई थी, उसके 29 सदस्य में से 25 पूर्वांचल की जेलों में बंद हैं जबकि बाकी 4 मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और ये गैंग पानीपत, करनाल, सोनीपत, यूपी के सहारनपुर तक सीमित हो गया है और जाँच समिति ने दबंगई या रंगदारी जैसी घटना को सिरे से ख़ारिज किया है।
कैराना सांसद हुकुम सिंह ने जारी की पलायन करने वाले लोगों की दूसरी लिस्ट!
इससे पहले कैराना मामले में गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि कैराना से परिवारों के पलायन पर पूरी जानकारी केंद्र को दें।
कैराना: शामली प्रशासन का दावा, दबंगई नहीं बेहतर जीवन की तलाश में लोग छोड़ रहे घर
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