उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में अवैध रूप से रखे विस्फोटक के गोदाम में पिछली 4 जून को अचानक तीब्र विस्फोट हो गया था। धमाका इतना भयंकर था कि मकान के साथ आसपास के तीन मकान भी ढह गए थे। जबकि कई मकानों की दीवारों में दरारें पड़ गई थीं। इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब आधा दर्जन लोगों के घायल हो गए थे। ये घटना वहीं पास के एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीटीटीवी फुटेज में धमाका साफ तौर पर दिख रहा है, जिसे देखकर रूह कांप जायेगी। मौके पर मौजूद लोगों ने किस भयावाह मंजर का सामना किया होगा, तस्वीरें देखकर इसकी आप कल्पना खुद कर सकते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक के बाद एक तेज आवाज के साथ तीन धमाके हुए। धमाके के बाद पूरा माकन ढह गया और मृतकों के शव के चीथड़े सौ-सौ मीटर की दूरी तक जाकर गिरे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अमला घंटों लेट मौके पर पहुंचा था। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर सांसद कौशल किशोर, जिलाधिकारी, एडीजी जोन, आईजी रेंज, एसएसपी दीपक कुमार कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन से मलबे में दबे लोगों को निकालकर ट्रॉमा में भर्ती कराया था। घटना के बाद एटीएस, डॉग स्क्वॉड, फिंगर प्रिंट दस्ता, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंचा और जानकारी में जुट गया। जिस जगह धमाका हुआ है वहां पर मजदूर रहते हैं।
ताबड़तोड़ तीन धमाकों ने इलाके में मचाई दहशत
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में काकोरी थाना क्षेत्र के एमसी सक्सेना कॉलेज रोड पर सैथा गांव के पास जेहटा में विस्फोटक (पटाखा) का अवैध गोदाम है। ग्रामीणों के मुताबिक, सैथा गांव के निकट जेहटा में एक भवन के बेसमेंट में बारूद स्टोर था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह करीब 10:28 बजे यहां पर भयंकर विस्फोट हो गया। धमाका इतना भयंकर था कि पास के क्षेत्र में विस्फोट की धमक के कारण लोगों के घरों की दीवारें तक हिल गईं। 50 मीटर तक ईंटे हवा में उड़ गईं और मलबा रोड तक आ गिरा। इस विस्फोट में दो लोगों के मरने की पुष्टि आधिकारिक रूप से हुई है।
नसीर व उसके बेटे मुशीर ने किराये पर लिया था मकान
अवैध पटाखा गोदाम मुन्ना लाल खेंड़ा गांव के संजय लोधी के मकान में था इसी में धमाका हुआ है। जिसके कारण पड़ोस के गया प्रसाद व राम आसरे का भी मकान गिर गया। जिस मकान में विस्फोट हुआ, उसके बेसमेंट में बारूद स्टोर किया जाता था। विस्फोट के बाद भवन की एक-एक ईंट तक गिर गई। भवन मालिक संजय लोधी फरीदी पुर गांव निवासी नसीर व उसके बेटे मुशीर को किराए पर दिये थे। नासिर व मुशीर पेशे से आतिशबाज़ है, दोनों गांव के बाहर गोमती नदी किनारे प्लाट लेकर उसी पर पटाखा बनाते थे और बने हुए पटाखों को इसी भवन में स्टोर करते थे। ग्रामीणो ने बताया कि खाना बनाते समय हादसा हुआ।
विस्फोट के बाद मौके पर पसरा मातम
इस जोरदार विस्फोट के बाद वहां पर माहौल में मातम पसरा है। मृतकों के शवों के टुकड़े (लोथड़े) सौ-सौ मीटर की दूरी तक फैले दिख रहे थे। ये भयावाह मंजर देखकर हर कोई खौफ खा जा रहा था। घटना की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और 3 जेसीबी के जरिये मलबे को हटाया। इस विस्फोट में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। धमाके में मरने वाले पति और पत्नी बताए जा रहे हैं।
मौके पर पहुंची पुलिस व बम निरोधक दस्ता और खोजी कुत्ता
इस जबरदस्त विस्फोट की सूचना पाकर दमकल,पुलिस, डॉग स्क्वायड,बम निरोधक दस्ता व फोरेंसिक सांइस लैब-एफएसएल-की टीमें मौके पर पहुंचीं और गहनता से छानबीन की। जांच में जुटे पुलिस अफसरों का कहना है कि प्रथम दृष्टया पटाखें से धमाका होने का मामला सामने आ रहा है,लेकिन इस मामले में कई ङ्क्षबदुओं को जोड़कर जांच पड़ताल की जा रही है।
उखड़ गए कई मकानों के दरवाजे और दरक गईं दीवारें
विस्फोट जेहटा निवासी रामआसरे व गया प्रसाद के मकान के ठीक बगल हुआ। उन्होंने बताया कि जैसे ही विस्फोट हुआ वे लोग परिवार सहित घर से बाहर भाग कर आए तो देखा कि किराये पर दे रखे संजय लोधी की मकान मलबे में तब्दील हो चुका था और वहां पर चीख-पुकार मची हुई थी। रामआसरे ने बताया कि धमाका सुनकर एक पल के लिए उन्हें ऐसा एहसास हुआ कि मानों सीने पर किसी ने हथौड़ा मार दिया हो।
हर चेहरे पर थी दहशत
विस्फोट के बाद जेहटा गांव के अलावा आसपास गांवों में भी हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि धमाका इतना तेज था कि आसपास रहने वाले लोग चौंक कर उठ गए। कुछ देर तक उन्हें समझ में ही नहीं आया कि आखिर यह हुआ क्या। कुछ ने भूकंप आने का के कयास लगाए तो कुछ लोगों को लगा कि बम विस्फोट हो गया है। घबराकर लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गए थे।