राजधानी लखनऊ में अभी हाल ही में हुए पॉलिटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय हत्याकांड के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में बवाल के दौरान कुलपति से मारपीट, हजरतगंज के मासूम ऋतिक की हत्याकांड के बाद सीएम द्वारा सम्मानित नाबालिग दिव्यांग को जेल भेजने सहित कई हत्याएं, लूट और डकैती समेत एटीएस के एडिशनल एसपी राजेश साहनी की मौत की घटनाओं में लखनऊ पुलिस फेल साबित हुई। एसएसपी दीपक कुमार ने कई बड़ी वारदातों का खुलासा नहीं कर पाया और जांच तक ठंडे बस्ते में डाल दी। विश्वविद्यालय में बवाल के बाद कोर्ट ने डीजीपी और एसएसपी को तलब कर फटकार लगाई थी। वहीं सीएम ने भी प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार व डीजीपी ओपी सिंह को तलब कर फटकार लगाते हुए अपराध नियंत्रण में फेल अफसरों को हटाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार को हटाकर उनके स्थान पर बरेली के एसएसपी कलानिधि नैथानी को तैनात किया गया है। बरेली के कप्तान आईपीस कलानिधि नैथानी डीजीपी के करीबी बताये जा रहे हैं। कलानिधि नैथानी 2010 बैच के आईपीएस हैं, लखनऊ में पहली बार किसी जूनियर अफसर को कप्तान बनाया जा रहा है। हालांकि तबादले की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
सीएम ने डीजीपी को गिनाया था आईपीएस दीपक कुमार का नाम
प्रदेश में कई आपराधिक वारदातों से बेहद खफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आला अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई थी। सीएम ने दो टूक कहा कि जो अफसर अपराध नहीं रोक पा रहे हैं, उन्हें हटा दिया जाए। उन्होंने अफसरों से अपराध पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रण लाने को कहा। सीएम ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से कहा कि अपराध से जिलों में तैनात अफसरों की नाकामी सामने आ रही है। बाद में दोनों अफसरों ने प्रदेश में पिछले दिनों हुई संगीन वारदात और उनके खुलासे के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। हालांकि सीएम इससे संतुष्ट नहीं हुए। नाराज सीएम ने विभिन्न जिलों के नाकाम अफसरों के नाम गिनाए। इनमें लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार का नाम भी था। सीएम ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी दोनों से ऐसे अफसरों के नाम की सूची तैयार करने को कहा था जो आपराधिक वारदातों पर नियंत्रण करने में नाकाम साबित रहे।
नौ जुलाई को प्रधानमंत्री और साउथ कोरिया के प्रेसीडेंट का यूपी दौरा
मुख्यमंत्री में नोएडा में नौ जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साउथ कोरिया के प्रेसीडेंट मून जाए-इन के आगमन पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिये हैं। डीजीपी ओपी सिंह को शुक्रवार सुबह हाई कोर्ट ने भी तलब किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात प्रमुख सचिव व डीजीपी को तलब कर बढ़ती घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई थी। शुक्रवार रात भी मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर आपराधिक घटनाओं में पूरी तत्परता व सख्ती से कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
यूपी में हाल ही में हुई कुछ बड़ी घटनाएं
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों के उपद्रव के बाद उन्नाव में महिला से बदसलूकी का वीडियो वायरल होने पर कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए। कानपुर में थाने में दारोगा की हत्या, फीरोजाबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या, लखनऊ के 1090 चौराहे पर बालक की हत्या, अंबेडकरनगर में किराना व्यवसायी राकेश जायसवाल की हत्या में कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हुई भिड़ंत जैसी घटनाओं ने पुलिस के सामने लगातार चुनौतियां खड़ी की हैं।
इलाहाबाद में भी लगातार संगीन घटनाएं हो रही हैं। फीरोजाबाद पुलिस ने संदीप शर्मा हत्याकांड में एक आरोपित को पकड़कर मीडिया के सामने पेश किया तो उसने उल्टा पुलिस पर ही संगीन आरोप लगा दिए। आरोपित के बयानों का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की खूब किरकिरी हुई। कई घटनाओं को लेकर डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए जिले के कप्तानों को निर्देश देने पड़ रहे हैं। उन्नाव में महिला के साथ हुई घटना का वीडियो का वायरल होने के बाद भी ऐसा ही हुआ।