भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कानपुर में जिलाध्यक्षों [ Kanpur Bjp President ] के चयन को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों पर रविवार को विराम लगा दिया। उत्तर जिले में अनिल दीक्षित, ग्रामीण जिले में पूर्व विधायक उपेंद्रनाथ पासवान और दक्षिण जिले में फिर से शिवराम सिंह को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
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भाजपा कार्यालय में जिलाध्यक्षों की घोषणा [ Kanpur Bjp President ]
रविवार को केशव नगर स्थित भाजपा कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्रीय मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की गई।
- बैठक में चुनाव पर्यवेक्षक पूर्व विधान परिषद सदस्य जयप्रकाश चतुर्वेदी,
- उत्तर, दक्षिण एवं ग्रामीण जिले के चुनाव अधिकारी संगम लाल गुप्ता, कांता कर्दम, जयप्रकाश निषाद
- और क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल की मौजूदगी में नामों की घोषणा की गई।
- प्रदेश नेतृत्व ने वाट्सएप पर सूची भेजी, जिसके बाद नामों की घोषणा हुई।
जैसे ही नामों का ऐलान हुआ, समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया।
उत्तर जिले में अनिल दीक्षित बने जिलाध्यक्ष [ Kanpur Bjp President ]
अनिल दीक्षित के नाम की घोषणा में देरी
- उत्तर जिलाध्यक्ष के रूप में अनिल दीक्षित का नाम घोषित किया गया, लेकिन वे घोषणा के समय मंच पर मौजूद नहीं थे।
- कई बार बुलाने और फोन करने के बाद 10 मिनट बाद वे सभागार में पहुंचे।
- पिछली बार दीपू पांडेय ने बाजी मारी थी, लेकिन इस बार अनिल दीक्षित को वरीयता मिली।
अनिल दीक्षित की पृष्ठभूमि और अनुभव
- अनिल दीक्षित भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं और कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
- ब्राह्मण समाज में अच्छी पकड़ है, जिससे भाजपा ने जातीय संतुलन साधने का प्रयास किया है।
ग्रामीण जिले में उपेंद्रनाथ पासवान बने जिलाध्यक्ष [ Kanpur Bjp President ]
पूर्व विधायक को जिलाध्यक्ष पद क्यों दिया गया?
- उपेंद्रनाथ पासवान घाटमपुर विधानसभा उपचुनाव जीत चुके हैं और भाजपा ने पहली बार वहां परचम लहराया था।
- हालांकि, अगले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला, जिससे समर्थकों में नाराजगी थी।
- भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद देकर इस नाराजगी को दूर करने की कोशिश की।
- वे कानपुर के दूसरे दलित जिलाध्यक्ष बने, इससे पहले राकेश सोनकर उत्तर जिले में यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
दक्षिण जिले में दोबारा शिवराम सिंह [ Kanpur Bjp President ]
भाजपा ने दोबारा उन पर भरोसा क्यों जताया?
- पार्टी ने उनके द्वारा किए गए बेहतरीन कार्यों को देखते हुए उन्हें फिर से यह पद सौंपा।
- शिवराम सिंह का कार्यालय दक्षिण जिले में उनके ही आवास पर है।
- क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल और अन्य वरिष्ठ नेताओं से निकटता का लाभ मिला।
- दक्षिण और क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यक्रमों में उनकी लगातार मजबूत उपस्थिति रही है।
घोषणा के बाद शिवराम सिंह का मंदिर दर्शन
- जिलाध्यक्ष बनने के बाद शिवराम सिंह ने आनंदेश्वर मंदिर जाकर भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया।
- इसके बाद केशव भवन संघ कार्यालय और महापौर द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में शिरकत की।
घोषणा के बाद जश्न का माहौल
- शिवराम सिंह के नाम की घोषणा होते ही उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।
- उत्तर जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने मंच को प्रणाम किया।
- उपेंद्र पासवान ने वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लिया।
- कार्यकर्ताओं ने गुलाल उड़ाकर और ढोल की थाप पर नाचकर जश्न मनाया।
इस मौके पर सांसद रमेश अवस्थी, महापौर प्रमिला पांडे, विधायक महेश त्रिवेदी, राहुल बच्चा सोनकर, स्वप्निल वरुण, बालचंद मिश्र, डॉ. वीना आर्या पटेल, सुनील बजाज, जसविंदर सिंह, मीडिया प्रभारी मनीष त्रिपाठी सहित कई भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कौन हुआ निराश?
दीपू पांडेय को झटका
- उत्तर जिलाध्यक्ष पद के लिए दीपू पांडेय का नाम दोबारा नहीं आया, जिससे वे निराश होकर बाहर चले गए।
- सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव की हार और सदस्यता अभियान की धीमी गति उनके खिलाफ गई।
भाजपा की जातीय रणनीति [ Kanpur Bjp President ]
- उत्तर जिले में ब्राह्मण वर्ग से अनिल दीक्षित
- दक्षिण जिले में ओबीसी वर्ग से शिवराम सिंह
- ग्रामीण जिले में दलित समाज से उपेंद्रनाथ पासवान
भाजपा ने जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए यह नियुक्तियां की हैं।
भाजपा की आगे की रणनीति
- 2024 के लोकसभा चुनावों में मिली जीत को बरकरार रखना।
- 2027 के विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए संगठन को मजबूत करना।
- जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर संगठन का विस्तार करना।
निष्कर्ष
भाजपा ने अनुभवी और जमीनी नेताओं को जिलाध्यक्ष [ Kanpur Bjp President ] बनाकर 2027 की चुनावी तैयारियों को मजबूती देने की कोशिश की है। अब देखना होगा कि ये नए जिलाध्यक्ष पार्टी की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।