ये तस्वीरें आपको किसी रामराज्य या किसी जंगलराज की याद नहीं दिलाती क्या? नहीं, तो फिर कोई फर्क नहीं पड़ता है. अगर फर्क पड़ता है तो इन्हें गौर से देखने की जरुरत है. किस प्रकार हजारों की भीड़ को रोकने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों को बेरहमी से पीटा जाता है.
सड़क पर कानून हुआ अराजकता का शिकार:
सड़क पर पड़े बेहोशी की हालत में सिपाही को पैरों से कुचला जाता है. कैसे इनके साथ दो-दो हाथ किया जाता है. ये सब तक हो रहा है जब ये पुलिसकर्मी भीड़ से कानून को अपने हाथ में न लेने के लिए कह रहे थे. लेकिन इस भीड़ ने कानून को हाथ में ही नहीं लिया बल्कि कानून का के साथ दिल खोलकर हैवानियत की.
- कानपुर में जो तस्वीरें सामने आयी, उसे देखकर जंगलराज की बात नहीं हो रही है.
- अराजकता सड़कों पर दहाड़ मार रही थी.
- पब्लिक बेख़ौफ़ और पुलिस बेबस थी.
- पुलिस अपनी जान बचाने के लिए भाग रही थी.
- लेकिन भीड़ पुलिसकर्मियों को दबोच लेती थी.
- क्या बच्चे-क्या बूढ़े सब पुलिस की जान के प्यासे थे.
- महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं थी.
- पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाना दूभर हो रहा था.
भीड़ उन्हें सामने देखना नहीं चाहती थी. उस हिंसक भीड़ के लिए कुछ भी असम्भव सा नहीं था. सब कुछ ऐसे घटित हो रहा था मानों कानून-व्यवस्था को खूंटी पर टांगकर ये हिंसक बेख़ौफ़ हो गई है.
पूरा मामला:
- कानपुर में महिला मरीज के साथ हैवानियत का मामला सामने आया था.
- आरोप है कि अस्पताल कर्मी ने महिला मरीज के साथ हैवानियत की.
- इसके बाद अस्पताल के बाहर हिंसक प्रदर्शन हो रहा था.
- हॉस्पिटल के गेट के बाहर सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा हो गई थी.
- प्रदर्शन के दौरान पुलिस रोकने की कोशिश कर रही थी.
- लेकिन बेकाबू भीड़ ने पुलिस को ही निशाना बना लिया था.