हमारे देश में अन्धविश्वास के कारण रोज न जाने कितनी जाने जाती है। फिर चाहे वो किसी जानवर की हो या इंसान की। यही नहीं इस देश में अभी बहुत से ऐसे लोग हैं जो की अन्धविश्वास को निरंतर बढ़ावा दे रहे है। यही वजह है की एक तरह तो हमारा देश तकनीकी में आगे बढ़ रहा है और दूसरी तरफ लोग यहाँ ककी बुराई भी करते है। प्रधानमंत्री मोदी जहाँ एक तरफ भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की बात करते है वही दूसरी तरह देश की बड़ी आबादी आज भी अंधविश्वास में जी रही है |
ये भी पढ़े :दो मरीजों में हुई स्वाइन फ्लू की पुष्टि
बछड़े को भगवान् ब्रम्हा का मान रहे स्वरुप
- हम बात कर रहे हैं कानपुर के एक इलाके की जहाँ अन्धविश्वास को बढ़ाया जा रहा है।
- इसके लिए एक विकलांग जानवर के बच्चे को अवतार बताया जा रहा है।
- यही नहीं बाकायदा इस विकलांग जानवर के बच्चे की पूजा भी की जा रही है।
- साथ ही लोग अपनी मेहनत की कमाई को भी यहाँ पर चढ़ा रहे है।
- ये चढ़ावा उनसे कोई चढ़वा नहीं रहा फिर भी वो इसे हैं।
- इसी बात से ये साफ़ जाहिर होता है की लोग कितने अंधविश्वासी है।
- हमारे यहाँ कोई विकलांग बच्चा जानवर का हो या इंसान का अभी भी देश की आधी आबादी उसको भगवान् का अवतार मान कर पूजा अर्चना करती है।
- पूजा करने के साथ ही चढ़ावा भी चढाती है।
- कानपुर के गंगा कटरी इलाके के राम निहालपुर गाँव में एक गाय के विकृत बच्चे को देख ग्रामीण उसको ब्रम्हा का अवतार मान रहे हैं।
- ब्रम्हा का अवतार मानकर लोग रोजाना उसकी पूजा अर्चना करने आते हैं।
- और रोजाना देखते ही देखते बछड़े के सामने सैकड़ो रूपए इकठ्ठा हो गए जाते हैं।
- चादर पर पड़े इस बछड़े के दो सिर और 6 टाँगे है जिसको देखकर ग्रामीणों में आश्चर्य हुआ।
- और इस विकृत बछड़े को भगवान् ब्रम्हा का स्वरुप मानकर पूजा अर्चना करने लगे।
- फिलहाल बछड़ा अभी ज़िंदा है लेकिन उसे भगवन का अवतार मानना बिलकुल भी ठीक नहीं है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें