सावर्जनिक क्षेत्र की बैंकों का 5000 करोड़ वापस न करने वाले कानपुर के पेन किंग विक्रम कोठारी अब सीबीआई की हिरासत में हैं. सीबीआई की एक टीम ने उनके आवासीय और कारोबारी ठिकानों पर छापा मारा था और कल विक्रम कोठारी को गिरफ्तार भी कर लिया गया था. गौरतलब है कि विक्रम कोठारी की कम्पनियों को हजारों करोड़ के ऋण अनियमित तरीकों से दिये जाने का खुलासा हुआ था, इसके बाद से ही बैंकिंग जगत में हड़कम्प मचा हुआ था.
पत्नी को सीबीआई ने लिया हिरासत में
विक्रम कोठारी उनकी पत्नी साधना बेटे राहुल समेत बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों और अज्ञात दलालो के विरुद्ध सीबीआई और ईडी ने दिल्ली में दर्ज कराया धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में केस दर्ज किया है.
7 बैंको से 5000 करोड़ की धोखाधड़ी का पूरा मामला बताया जा रहा है. सीबीआई ने 4 सूटकेस में लोन के दस्तावेज जमा किये. विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी को सीबीआई कि टीम हिरासत में लेकर बैंक के लिए निकली. सूत्रों के मुताबिक, पत्नी से सीबीआई पूछताछ कर कई जानकारियां इकट्टा करने की कोशिश करेगी.
विक्रम कोठारी पर 5000 करोड़ का चूना लगाने का है आरोप
किंग आॅफ पेन के नाम से मशहूर उद्योगपति विक्रम कोठारी अब मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं. उनके उपर बैंकों का 5000 करोड़ न चुकाने का मामला नेशनल कम्पनी लाॅ ट्यिूब्नल में चल रहा है लेकिन अब मीडिया में इस भारी भरकम लोन को दिये जाने का मामला दिखाये जाने के बाद सीबीआई हरकत में आ गयी है. सीबीआई की टीम ने कोठारी के तिलक नगर स्थित आवास, माल रोड स्थित आफिस और पनकी स्थित कारखाने पर छापा मारा था.
पान पराग समूह से नाता है विक्रम कोठारी का
आईये एक बार फिर जान लेते हैं कि कौन है ये विक्रम कोठारी और क्या है उसका रसूख. विक्रम कोठारी का नाता पान पराग समूह से रहा है. पान मसालों का सरताज रहा यह ब्राण्ड गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनसुख भाई कोठारी ने 18 अगस्त 1973 को शुरू किया था. सन् 1983 से 1987 के बीच ‘‘पान पराग’’ विज्ञापन देने वाली सबसे बड़ी कम्पनी बनी. मनसुख भाई के निधन के बाद उनके बेटों दीपक और विक्रम ने बिजनेस को आपस में बांट लिया. विक्रम के हिस्से में पेन बनाने वाली कम्पनी रोटोमैक आयी.
विक्रम कोठारी की पत्नी-बेटे को सीबीआई कभी भी कर सकती है अरेस्ट
किस बैंक ने कितने दिए लोन
विभिन्न बैंकों ने विक्रम कोठारी को 5 हजार करोड़ का लोन दिया था, जिसमें सबसे ज्यादा लोन 14 सौ करोड़ रूपया है, जिसे इण्डियन ओवरसीज बैंक ने दिया है. तो वहीं दूसरे नम्बर पर सबसे अधिक लोन देने के मामले में बैंक आॅफ इण्डिया अव्वल है जिसने 1395 करोड़ रूपये कोठारी की कम्पनी को लोन दिए है. तो वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने 600 करोड़, यूनियन बैंक ने 485 करोड़ एवं इलाहाबाद बैंक 352 करोड़ रूपये का भारी भरकम लोन दिया था.