2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और रालोद का गठबंधन बनता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस का रुख इस महागठबंधन के प्रति काफी सकारात्मक है और उसकी अन्य दलों के कई नेताओं से गठबंधन संबंधी बातचीत लगातार जारी है। इस बीच सीटों के बंटवारे के पहले ही कांग्रेस के कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हैं जिसके बाद नये समीकरण बनाते दिखाई दे रहे हैं।
पुराने चेहरों पर कांग्रेस लगाएगी दाँव :
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने 12 सीटों की मांग की है लेकिन सपा-बसपा ने कांग्रेस को 8 सीट देने का इरादा बनाया है। कांग्रेस का मुख्य मकसद भाजपा को हराना है और इसके बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी को हासिल करना पार्टी की दूसरी वरीयता है। फिलहाल, यूपी की 8 सीटों के लिए उम्मीदवार लगभग तय कर दिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का रायबरेली से लड़ना तय है। इसके अलावा सोनिया गांधी रायबरेली से उम्मीदवार होंगी। वहीँ खबरें हैं कि कुशीनगर से आरपीएन सिंह, धौरहरा से जतिन प्रसाद, कानपुर से श्रीप्रकाश जायसवाल, प्रतापगढ़ से रानी रत्ना सिंह, फतेहपुर सीकरी से राज बब्बर और जौनपुर सीट से प्रमोद तिवारी का नाम लगभग तय कर दिया है। हालाँकि फिर भी अंतिम क्षणों में कुछ बदलाव मुमकिन है।
अन्य नामों पर अभी विचार नहीं :
महागठबंधन की स्थिति में शेष चार सीट पर कांग्रेस पहले अपने उम्मीदवारों की परीक्षा लेगी। कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को बता दिया है कि पहले खुद को जिताऊ साबित करना होगा साथ ही उनकी दावेदारी से सपा-बसपा के संभावित उम्मीदवारों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस महागठबंधन में सिर्फ ऐसी सीटों को अपने हिस्से में लेगी, जहां उसके उम्मीदवार सपा-बसपा की तुलना में बेहतर और चुनाव जीतने की स्थिति में होंगे। इसके बाद से उम्मीदें हैं कि अपने पिछले उम्मीदवारों पर ही पार्टी भरोसा करेगी।