2019 के लोकसभा चुनावों के पहले हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की नजर लगी हुई है। कर्नाटक में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारामिया राज्य के मुख्यमंत्री हैं। अभी तक प्राप्त हुए रुझानों में कांग्रेस बहुमत से काफी पीछे है लेकिन भाजपा भी बहुमत के करीब नहीं हैं। ऐसे में सभी की नजर पूर्व पीएम देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस पर टिकी हुई है। इस बार के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने किस्मत आजमाई थी जिनका उत्तर प्रदेश में गठबंधन हैं। सपा का तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सूपड़ा साफ़ हो गया है लेकिन बसपा का प्रदर्शन हैरान कर देने वाला है।
सभी सीटों पर पीछे है सपा :
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश से बाहर निकलते हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अपने किस्मत आजमाई थी। इस चुनाव में सपा ने अपने 31 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जिनकी वर्तमान हालत बहुत खराब चल रही है। अभी तक आये चुनाव आयोग के रुझानों में समाजवादी पार्टी को किसी सीट पर बढ़त नहीं दिख रही है। मुमकिन है कि गुजरात के विधानसभा चुनावों की तरह कर्नाटक में भी समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा। इस चुनाव में जहाँ बसपा ने जेडीएस के साथ गठबंधन किया था वहीँ सपा ने अपने दम पर ये चुनाव लड़ा था। समाजवादी पार्टी की अभी तक आये रुझानों में किसी सीट पर बढ़त नहीं दिख रही है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि सपा को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिल सकेगी।
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1 सीट पर बसपा को बढ़त :
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जहाँ सपा का सूपड़ा साफ़ होता दिख रहा है तो वहीँ यूपी में उसकी साथी पार्टी बसपा का प्रदर्शन उससे अच्छा है। कर्नाटक में बसपा ने पूर्व पीएम देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन करते हुए 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बसपा सुप्रीमों मायावती ने खुद कर्नाटक में जाकर कई रैलियों को संबोधित किया था। इस दौरान एक रैली में बसपा सुप्रीमों मायावती ने सपा और बसपा के यूपी में गठबंधन पर मोहर लगाई थी। खैर बसपा का कर्नाटक विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन साफ़ तौर पर सपा से अच्छा है। बसपा यहाँ 1 सीट पर आगे चल रही है। मुमकिन है कि ये सीट बसपा जीत भी जायेगी।