2019 के लोकसभा चुनावों की सभी पार्टियों ने तैयारी करना शुरू कर दिया है। बसपा और सपा का गठबंधन इस बार के लोकसभा चुनाव में काफी हद तक निर्णायक रहने वाला है। यदि सपा और बसपा का वोटबैंक उसके साथ गया तो भाजपा की जीती हुईं सीटें आधी भी हो सकती हैं। यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती सक्रिय हो गयी हैं और लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम पर मंथन कर रही हैं। इस बीच सूबे की महाराजगंज सीट से एक बड़े बाहुबली का नाम सामने आ रहा है जिसके बाद नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
महाराजगंज से इन्हें मिल सकता है मौका :
सपा बसपा गठबंधन की खबर के बीच तमाम सीटों पर सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे है। गठबंधन हो जाने से कई ऐसे उम्मीदवार अचानक सामने आ गए हैं जो चुनाव लड़ने की उम्मीद छोड़ चुके थे। ऐसे ही एक उम्मीदवार की चर्चा इन दिनों तेजी से चल रही है। ऐसे ही प्रत्याशी काशीनाथ शुक्ला हैं जो 2014 में महराजगंज संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं और दूसरे नंबर पर रहे थे। अब ये फिर टिकट की दौड़ में आ गए हैं। काशीनाथ शुक्ला पूर्व में निबंधन विभाग में अधिकारी रहे हैं और देश के नामी गिरामी बिल्डर बने थे। गोरखपुर के रहने वाले काशीनाथ 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के रूप में महराजगंज संसदीय सीट से प्रत्याशी बनकर सबको चौंका दिया था। भाजपा से कड़े मुकाबले में काशी नाथ सम्मानजनक वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे थे।
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एक और नेता हैं लाइन में :
सपा बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें बढ़ने के साथ ही ये कह पाना मुश्किल होगा कि ये सीट किसके खाते में आएगी। बसपा सपा और कांग्रेस दावा कर रहे हैं कि ये सीट उन्हें मिलनी चाहिए। इसी उम्मीद पर गैर-भाजपा तीनो परमुख दलो के संभावित उम्मीदवार टिकट की उम्मीद में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। बसपा से विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय के नाम की चर्चा चल रही है और वे तो प्रचार में भी सक्रीय हो चुके हैं। इस बीच पूर्व प्रत्याशी रहे काशीनाथ शुक्ला का नाम भी सामने आया है। ऐसे में काशीनाथ के गठबंधन का प्रत्याशी बनने से भाजपा के लिए निश्चित तौर पर खतरे की घंटी है।