अभी कुछ दिन पहले जूनियर विश्वकप की मेजबानी लखनऊ के मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में की गई थी. जहाँ खिलाड़ियों में विश्वकप जीत कर देश का नाम तो रोशन किया ही था साथ ही लखनऊ के इस स्टेडियम में भी इतिहास रच दिया है. यह देख कर एक तरफ जहाँ युवाओं में खेल की तरफ आकर्षण बढ़ा है वहीँ दूसरी तरफ सरकार के ऊपर भी ज़िम्मेदारी आ गई है की वो खिलाड़ियों को वो सुविधायें उपलब्ध कराये जिनकी उन्हें ज़रूरत है. लेकिन केडी सिंह बाबू स्टेडियम का हाल देख कर यह नहीं कहा जा सकता है कि सरकार को इस मामले में कोई भी दिलचस्पी है.
खिलाड़ियों को नहीं मिल रही है सुविधाएं-
- केडी सिंह बाबू स्टेडियम में हर तरह के खेल खेले जाते हैं और रोजाना कई प्लेयर्स यहाँ प्रैक्टिस के लिए आते है.
- यहाँ तैराकी, इंडोर गेम्स और टेनिस कोर्ट आदि की सुविधा उपलब्ध है.
- लेकिन यहाँ एक ही मैदान है जिसमें क्रिकेट, हॉकी, दौड़, कराटे सब एक ही साथ होता है.
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- एक ही मैदान पर विभिन्न प्रकार के खेल खेलते समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
- लेकिन सरकार इन सबसे अनजान है.
- यहाँ को संज्ञान लेने वाला तक नहीं है.
- ऐसे में खिलाड़ियों से आशा की जाती है कि वो प्रदेश का नाम रोशन करें.
https://www.youtube.com/watch?v=IhOmL48YUEA&feature=youtu.be