लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की त्रासदी भयावह स्‍थिति में पहुंच चुकी है. जारी आंकड़ों की मानें तो यूपी में अब तक 24 जनपदों में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है.

  • ऐसे में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार 23 अगस्त को अपने बयान में कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी गई है.
  • उन्होंने बताया कि महानगर के कार्यकर्ताओं द्वारा सामग्री भेजने का फैसला लिया गया था.
  • उसी सामग्री को आज भेजा गया है.
  • इस दौरान औरैया रेल हादसे पर केशव मौर्य ने कहा कि ‘जो भी सम्भव है तत्काल सहायता की जा रही है.’

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यूपी के इन जनपदों में बाढ़ बनी त्रासदी-

  • तेज बारिश के चलते बाढ़ ने गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, बहराइच, मऊ आदि जनपदों में पांव पसार लिए हैं.
  • हालांकि, ज्‍यादातर जगहों पर जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते बाढ़ को एक त्रासदी बनने का अवसर मिला है.

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  • दरअसल, कई जगहों पर पाया गया है कि ग्रामीणों की बांध रिसाव आदि की सूचनाओं पर त्‍वरित कदम नहीं उठाया जा रहा है.
  • वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन अपनी ओर मदद की कार्रवाई करने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहा है.

‘उच्च बाढ़ की स्थिति’ में बह रही राप्ती, दूसरा तटबंध भी टूटा-

  • यूपी में आई बाढ़ के चलते सबसे बद्तार हालात गोरखपुर और सिद्धार्थनगर के हैं.
  • गोरखपुर और सिद्धार्थनगर से गुजरने वाली राप्ती अब ‘उच्च बाढ़ की स्थिति’ में बह रही है.
  • इसी के चलते बुधवार 23 अगस्त की सुबह गोरखपुर स्थित खड़खड़िया में दूसरा बंधा भी टूट गया.
  • बता दें कि गुड़ियान गांव के पास टूटा है करमैनी-पनघटिया तटबंध.
  • ये दोनों तटबंध कैंपियरगंज के राप्ती पर बने हैं.

गोरखपुर बाढ़ से प्रभावित 469 गाँव-

  • यूपी के गोरखपुर में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है.
  • हालांकि लोगों को राहत पहुंचे के बहुत तेज़ी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
  • बता दें जनपद के 469 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
  • ऐसे में गोरखपुर के करमैनी पनघटिया तटबंध टूटने से हालात और भी बदतर हो सकते हैं.

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  • बहरहाल गोरखपुर के 187 गाँव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है.
  • बहरहाल आपदा प्रभावित इलाकों में चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 429 बोट लगाई गई है.
  • ये  रेस्क्यू ऑपरेशन NDRF के करीब 357 मेंबर चला रहे हैं.

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  • रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF आठ टीमें बनाई हैं.
  • वहीँ PAC कि 7 प्लाटून के साथ भारतीय सेना के करीब 80 जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं.
  • इस दौरान 36 राहत शिविरों का भी इंतज़ाम किया गया है.
  • जिसमे करीब 21 हज़ार लोग रह रहे हैं.

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एनडीआरएफ की मदद से पहुंच रहा ग्रामीणों को लाभ-

  •  इस बीच बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुटी एनडीआरएफ की मदद से ग्रामीणों को काफी लाभ पहुंच रहा है.
  • ऐसा नहीं है कि हर जनपद में प्रशासन का लचर रवैया देखने को मिल रहा है.
  • मगर ज्‍यादातर में यही हाल देखने को मिल रहा है.

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  •  प्रदेश में नदियों के किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ष बाढ़ एक विकराल समस्‍या बनकर सामने आ जाती है.
  • इस संदर्भ में सबसे बड़ी दिक्‍कत होती है पीड़ितों के आशियानों की. हर साल पीड़ितों को अपना सबकुछ गंवाने का दर्द झेलना होता है.

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