उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक आज 85 वां जन्मदिवस है। जिन्हे बधाई देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या भी लोकभवन पहुंचे हुए हैं। जहां उनके शुभेच्छुओं ने उन्हें जन्मदिन की ढ़ेर सारी बधाई दी। अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर राज्यपाल का जन्म 16 अप्रैल 1934 को हुआ था। बता दें कि उन्होंने 22 जुलाई 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।
बचपन से ही रहें RSS के सक्रिय सदस्य
राम नाईक बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य के तौर पर जुड़े रहे। उन्होंने बृहन् महाराष्ट्र वाणिज्य पुणे से बीकॉम और किशनचन्द चेलाराम विधि महाविद्यालय मुंबई से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अकाउंटेंट जनरल के ऑफिस में अपर श्रेणी लिपिक पर अपनी सेवाएँ दी। प0 दीनदयाल उपाध्याय के निधन के बाद नौकरी छोड़कर सियासत में उतरे। नाइक ने विधायक रहते हुए अपने क्षेत्र में दो मंजिला शौचालय और उसके ऊपर बच्चों के लिए वाचनालय का प्रयोग किया था। वे तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे चुके हैं।
बंबई का नाम बदलकर मुंबई रखने में रहा सहयोग
सांसद बनने से पहले स्कूटर से चलने वाले राम नाईक ने जलियांवाला बाग में स्वातंत्रय ज्योति शुरू कराई। रेल राज्यमंत्री रहते हुए उन्होंने मुंबई में महिला कामगारों के लिए लोकल ट्रेन चलवाने की कवायद शुरू की। सबसे खास बात यह रही कि संसद में वंदे मातरम् और जन-गण-मन गाना राम नाइक की कोशिशों के बाद ही शुरू हुआ था। उनके लंबे संघर्ष के बाद ही बंबई का नाम बदलकर मुंबई रखा गया। सांसद रहते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री भी रहे। दीनदयाल जयंती पर 25 सितंबर 2013 को उन्होंने चुनावी राजनीति से सन्यास ले लिया था।