मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चहेते मंत्री गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार तो नहीं करोगे बर्खास्त तो करो, गिरफ्तारी 11 तारीख के बाद हम कर लेंगे।
- यह हम नहीं बल्कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का।
- केशव ने यह बातें ट्वीट कर कहीं हैं।
- बता दें पिछली 3 मार्च को भी केशव ने ट्वीट कर कहा था कि बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को मुख्यमंत्री आवास पर छिपा कर रखा गया है।
- पुलिस उनकी गिरफ्तारी का नाटक कर रही है।
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गंगा की कसम खाकर कहें कि उन्होंने अपने कैबिनेट मंत्री को मुख्यमंत्री आवास में नहीं छिपाया?
- लोगों का मानना है कि ऐसे ट्वीट के माध्यम से केशव प्रसाद यूपी में सपा पर दबाव बना रहे हैं और भाजपा की जीत का दावा ठोंकना चाहते हैं।
- लेकिन यह बातें तो 11 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेंगी।
- लेकिन केशव के ट्वीट पर सपा नेता अंशुमान सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि सूप बोले तो बोले छलनी भी बोले जिसमें 72 छेंद। कहीं 11 के बाद इनकी खुद हिस्ट्रीसीट ना खुल जाए।
यह है पूरा मामला
- बता दें कि परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत 7 लोगो के खिलाफ लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में रेप, गैंगरेप और नाबालिग के साथ रेप के प्रयास का मामला दर्ज है।
- सत्ता के प्रभाव से मामले में पुलिसिया कार्रवाई कछुए की चाल की तरह चल रही है।
- हालांकि एडीजी एलओ का कहना है कि मामले में पीड़ितों के बयान और सभी जरुरी साक्ष्य जुटाने पर ही अंतिम कार्रवाई की जाएगी।
- एडीजी यह बातें मंत्री गायत्री की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कहीं।
- उन्होंने बताया कि मामले की विवेचक सीओ आलमबाग अमिता सिंह द्वारा पीड़िता का 164 सीआरपीसी के तहत न्यायालय में कलमबद्ध बयान हों चुका है।
- पीड़िता की बेटी के बयान के लिए विवेचक की टीम दिल्ली गई थी जहां उसका बयान दर्ज किया गया।
- पुलिस के मुताबिक, गायत्री और उनके साथ इस केस में आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
- बयान और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
- बता दें कि इस मामले में चित्रकूट जिले की एक पार्षद ने मंत्री गायत्री समेत उनके गुर्गों पर सामूहिक बलात्कार के साथ ही बेटी के साथ भी यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
- इस मामले की शिकायत पीड़िता ने जनपद स्तर से लेकर सूबे के पुलिस अधिकारियो से की थी लेकिन मंत्री के दबाव के चलते आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था।
- हालांकि इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच चल रही थी।
- लेकिन इस जांच से महिला संतुष्ठ नहीं थी।
- इसके चलते आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट की मदद लेनी पड़ी थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाईं थी इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
- इस आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने विधिक राय लेने के बाद मौजूदा परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
- आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 डी महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
- गायत्री की गिरफ्तारी ना होने से कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट भी जारी कर दिए हैं।
- पुलिस गायत्री की गिरफ्तारी के छापेमारी भी कर रही है।
- लेकिन गायत्री अंडर ग्राउंड हैं उनका पुलिस नहीं लगा पर रही है।
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