केजीएमयू में 2 दिनों से जारी कर्मचारियों और जूनियर डॉक्टरों के बीच का विवाद अब थम गया हैं. वीसी से बातचीत के बाद भले ही कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय आ गया हो, लेकिन इन सब के बीच मरीजों को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा और इन सब से बढ़ कर जिन मरीजों की जान इस हंगामे की शिकार बनी, आखिर उनका पक्ष कौन सुनेगा.
कर्मचारियों और जूनियर डॉक्टरों की लड़ाई में छावनी बना परिसर:
लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में आज कर्मचारियों और एमबीबीएस छात्रों के बीच गरमागर्मी बढ़ गयी. हालात इतने बेकाबू हो गये कि पुलिस थानों से फ़ोर्स बुलवानी पड़ी. इतना ही नहीं KGMU कर्मचारियों के उग्र रवैये को देखते हुए कई थानों की फ़ोर्स के साथ-साथ आरएएफ भी बुलाई गई.
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डॉक्टरों और कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट के चलते जूनियर डाक्टरों ने काम बंद कर दिया। जिसका खामयाजा इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक भर्ती मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इलाज न मिलने के कारण मरीज तड़पते रहे हैं.
वहीं मेंडिकल कॉलेज में कर्मचारियों और जूनियर डॉक्टरों के बीच झगड़े के चलते एक मासूम की जिंदगी खतरे में पड़ गयी हैं.
मरीजों को लेकर उनके परिजन अस्पताल से बाहर जा रहे हैं.
इलाज न मिलने से मरीजों की मौत:
धरती पर डाक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। शायद इसलिए कि वह लोगों की जिंदगी बचाता है। मगर जब डाक्टर ही अपना काम छोड़कर आपसी झगडे में उलझ जायेंगे तो तमाम जिंदगियां दांव पर लग जाती है।
ऐसा ही हुआ लखनऊ के KGMU में। तीमारदार यहाँ मरीजों का इलाज कराने आए थे मगर हास्पिटल में मचे अखाड़े से मरीज जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे। इलाज न मिलने से एक 13 महीने की बच्ची सहित 3 मरीजों की मौत हो गयी।
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कर्मचारियों और जूनियर डॉक्टरों के बीच का बवाल एक मासूम की मौत का कारण बन गया. अयोध्या से इलाज के लिए आई एक 13 महीने की बच्ची की इलाज न मिल पाने की वजह से जान चली गयी.
अयोध्या से इलाज के लिए एक 13 महीने की बच्ची को लाया गया था. बच्ची का नाम लविका था. लेकिन इस बवाल के चलते मासूम की जिंदगी खतरे में पड़ गयी.
मासूम बच्ची लविका को हॉस्पिटल में ऑक्सीजन नहीं मिला, उआकी बिगड़ती हालत देख कर प्राइवेट एम्बुलेंस के ड्राइवर ने खुद का ऑक्सीजन सिलेंडर दिया. जिससे कुछ समय के लिए उसकी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गयी.
बाद में ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रही 13 महीने की मासूम बच्ची लविका को इमरजेंसी में डॉक्टरों ने बचाने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
मासूम लविका की मौत हो गयी. इसके बाद अस्पताल का नजारा कुछ और ही बन गया. बच्ची के माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल हैं.
जूनियर डॉक्टर और कर्मचारियों के बीच झगड़े में अयोध्या से आई 13 महीने की मासूम बच्ची लविका जान चली गयी.
वहीँ खुसालगंज से इलाज कराने आए सैफुद्दीन नाम के मरीज की भी इलाज न मिलने से मौत हो गई।
KGMU: डॉक्टरों और कर्मचारियों के झगड़े में गई 13 माह की मासूम की जान
क्या था मामला:
बुधवार को केजीएमयू में MBBS छात्रों द्वारा पैथालॉजी कर्मचारियों पर रिवाल्वर तान देने की घटना के बाद आज मामला और उग्र हो गया.
आक्रोशित जूनियर रेजिडेंट अपनी मांगों के लिए इतना उग्र हो गये कि प्रशासनिक भवन के साथ ही कैंटीन में तोड़फोड़ की। कर्मचारियों ने भी पैथालॉजी में ताला जड़ दिया. साथ ही ओपीडी विभाग में जमकर बवाल काटा।
केजीएमयू कर्मचारियों के इस रवैये से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। एक तरफ जहाँ पैथालॉजी बंद होने से मरीजों की जांचे न हो सकी वहीं कलेक्शन सेंटर पैथालॉजी में मरीजों का जमावड़ा लग गया.
डाक्टर्स और कर्मचारियों के बीच हुए बवाल में हॉस्पिटल में OPD सहित इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से ठप कर दी गई, इसी बीच मासूम लाविका को ऑक्सीजन की सख्त जरुरत थी मगर हास्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने से बच्ची ने दम तोड़ दिया।
हड़ताल पर जा सकते हैं डॉक्टर:
पूरे दिन चले इस उग्र बवाल के बाद वीसी ने कर्मचारियों से बात की. वार्ता समाप्त होने के बाद कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय आया. वीसी ने आश्वासन दिया कि जो डॉक्टर दोषी थे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
साथ ही चीफ प्रॉक्टर आर एस कुशवाहा के खिलाफ कमेटी बैठा दी गई है. जाँच के बाद उनका निलंबन किया जाएगा.
वीसी के इस आदेश के बाद जूनियर डॉक्टरों के हडताल पर जाने के भी कयास लग रहे हैं. हो सकता हैं देर रात तक जूनियर डॉक्टर वीसी के इस फैसले के खिलाफ हडताल पर जाएँ.