किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में बीते शनिवार को लगी आग की घटना के दौरान कई मरीजों की मौत हो गयी थी। इस घटना के दौरान जिन मरीजों की मौत के आरोप केजीएमयू प्रशासन पर लगे हैं अब उन आरोपों पर डेथ आडिट कराना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक यह डेथ आडिट भी गठित पांच सदस्यीय कमेटी ही कर रही है।
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लापरवाही से नहीं हुई मौत
- आपको बता दें यही टीम पहले ट्रामा सेंटर स्टोर में आग लगने के कारणों की भी जांच कर रही थी।
- अब इस कमेटी को 48 घंटे के बजाय तीन दिन का समय आैर दे दिया गया है।
- केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि ट्रामा सेंटर में अग्निकांड के दौरान किसी मरीज की मौत नहीं हुई।
- उनका कहना है कि शिफ्टिंग के दौरान किसी की लापरवाही के कारण मौत नहीं हुई है।
- बल्कि मरीज पहले से ही गंभीर थे आैर आग लगने से पहले ही मर चुके थे।
- जबकि दूसरी ओर मरीज के परिजन लगातार दावा कर रहे है कि आग की घटना से मौत हुई है।
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने दो मरीजों की मौत पर दो– दो लाख रूपये का मुआवजा भी दिया है।
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- शायद यही वजह है कि अब अन्य परिजनभी आग की घटना के दौरान मौत होने का दावा कर रहे है।
- आग की घटना के दौरान अब तक इलाज में कमी के कारण 13 मरीजों की मौत हो चुकी है।
- ऐसे में केजीएमयू प्रशासन ने मरीजों की मौत का डेथ आडिट कराना शुरू कर दिया है।
- बताया जाता है कि इसमें मौत के कारणों के अलावा मौत का समय पर दर्ज रहेंगा।
- केजीएमयू प्रशासन ने पहले आग की घटना की जांच के लिए बनायी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बना दी थी।
- इस कमेटी को 48 घंटे में ही रिपोर्ट देनी थी।
- लेकिन अब यह कमेटी आग से होने के अलावा नुकसान का आकंलन करने के साथ मरीजों की मौत के कारणों की जानकारी की रिपोर्ट देगी।
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