किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में गोरखपुर की तीन वर्षीय मासूम बच्ची की डिप्थीरिया के कारण मौत हो गयी। आपको बता दें कि इस बीमारी पर अंकुश पाने के बाद एक लंबे समय के अंतराल पर इस बीमारी से मौत होने की घटना सामने आयी है।
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डिप्थीरिया से थी पीड़ित
- डिप्थीरिया को आम भाषा में गला घोंटू के नाम से जाना जाता है।
- गोरखपुर की रहने वाली तीन वर्षीय आराध्या जायसवाल को डिप्थीरिया की समस्या थी।
- आराध्या के पिता गोपाल प्रसाद को बेटी की इस बीमारी का पता नहीं था।
- बीमारी से बेखबर बीते रविवार रात ढ़ाई बजे मासूम को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के ईएनटी विभाग में रेफर किया गया।
- इस दौरान बताया गया था कि उसकी नाक में कुछ फंस गया है।
- लेकिन, जांच करने के बाद डॉक्टरों को उसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला।
- इसके बाद बच्ची को बाल रोग विशेषज्ञ के पास भेज दिया गया।
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- यहां की गयी जांच में पता चला कि वह डिप्थीरिया बीमारी की शिकार है।
- डॉक्टरों ने बच्ची के पिता को बीमारी की जानकारी दी।
- पिता गोपाल ने बताया कि पिछले आठ दिनों से आराध्या को तेज बुखार आ रहा था।
- गर्दन में सूजन भी थी। बाद में बीमार बच्ची की जांच के लिए उसका ब्लड भेजा गया।
- लेकिन, सोमवार की सुबह साढ़े छह बजे उसकी तबियत बेहद खराब हो गयी और कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया।
- डॉक्टरों के मुताबिक मृत बच्ची के पिता ने बताया कि टीकाकरण कराने में उनसे भूल हो गयी थी।
- डॉक्टरों का कहना था कि शुरु में ही यदि डिप्थीरिया का टीका बच्ची को लग गया होता तो उसकी जान बच सकती थी।
- डॉक्टर ने बताया कि टीकाकरण ही डिप्थीरिया का एकमात्र इलाज है।
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