KGMU में लगी आग (kgmu fire) की जाँच करने वाले कमिश्नर ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है. ट्रामा हादसे पर कमिशन ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है. कमीशन की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि केजीएमयू की गलती से ही आग लगी है.
फायर फाइटिंग सिस्टम फेल:
- डैमेज कंट्रोल वायरिंग में स्पर्किंग के कारण यह पूरा हादसा हुआ.
- फुलप्रूफ फायर फाइटिंग सिस्टम की अनदेखी की गई. जगह-जगह पर फायर अलार्म खराब है.
- बिजली के तार झूलते हुए दिखाई दिए.
- सारे इलेक्ट्रॉनिक कनेक्शन बिना ABC बॉक्स के चल रहे थे.
- पॉइंट हाइड्रेंट चलाने के लिए मौजूद कर्मचारी भी ट्रेंड नहीं थे.
- फायर विभाग की चेतावनी को केजीएमयू नजरअंदाज की.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्यवाई:
- सीएम ने ट्रॉमा सेंटर में लगी आग की घटना का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए थे.
- आग बुझाने व स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए
- अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाएं.
- घटना के दोषी व्यक्तियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएँ,जिससे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके.
- मंडलायुक्त लखनऊ को घटना के संबंध में जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करें:
- अधिकारी वहां पर भर्ती मरीजों की वैकल्पिक व्यवस्था करे.
रायबरेली से आये मरीज की हुई मौत:
- आग देखते ही प्रथम तल में मौजूद मरीज व उनके तीमारदार बाहर भाग निकले.
- इस दौरान केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती संतोष त्रिवेदी के भाई दुर्गेश त्रिवेदी ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगते हुए कहा कि आग लगने पर उनके भाई संतोष त्रिवेदी का ऑक्सीजन मास्क निकाल दिया गया.
- जिसके चलते उनके भाई संतोष त्रिवेदी की मौत हो गई.
- बता दें कि संतोष त्रिवेदी को रायबरेली से लखनऊ रेफर किया गया था.
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