बच्चों में बुजुर्गों की कही जाने वाली बीमारी हो रही है। नन्हीं सी उम्र में वे हड्डी से जुड़ी असहनीय दर्द देने वाली बीमारी अर्थराइटिस का शिकार हो रहे हैं। इस वजह से न सिर्फ उनका वर्तमान खराब हो रहा है बल्कि भविष्य में भी उन्हें अत्यंत तकलीफ हो सकती है। इसके लिए बेहद सतर्क हो उपचार कराने की जरूरत है। केजीएमू के हड्डी रोग विभाग की ओर से हुई एक स्टडी में यह सामने आया है।
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पानी में लेड का होना है मुख्य वजह
- यह स्टडी केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग के डॉ अजय सिंह व प्रो अब्बास की टीम ने की है।
- इसमें बच्चों में कमर दर्द, हड्डी का ठीक ढंग से विकास न होना जैसी समस्याएं सामने आईं।
- प्रो सिंह के मुताबिक, यह बीमारी गोमती नदी का पानी पीने, हैंडपंप का इस्तेमाल करने।
- और उद्घोगों के आसपास रहने रहने वाले बच्चों में यह अधिक हो रही है।
- प्रो सिंह का कहना है कि अभी हम इस बीमारी के कारणों का सटीक अंदाजा नहीं लगा पाये हैं।
- लेकिन जांच से ऐसा पता चलता है कि इसकी वजह पानी में लेड का होना है।
- प्रति दस हजार में से तीन बच्चे इस बीमारी से पीडि़त हो चुके हैं।
- साथ ही यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।
- प्रो सिंह ने बताया कि बच्चों में यह बीमारी काफी अधिक मिल रही है।
- प्रति सप्ताह तीन से पांच मरीज ओपीडी में आ रहे हैं।
- स्टडी में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
- इसलिए इस पर गंभीर से विचार कर काम करना होगा।
यह है स्टडी
- केजीएमू के आर्थोपेडिक विभाग में आए 36 बच्चों पर यह स्टडी की गई।
- इसमें तीस प्रतिशत बच्चे नेपाल के रहने वाले थे।
- 67 प्रतिशत बच्चे हैंडपंप का पानी पीने वाले या उद़घोगो से जुड़े एरिया के थे।
- इसमें 60 फीसदी लड़के व 40 फीसदी लड़कियां शामिल थीं।