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धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ही यदि मरीज की जान के दुश्मन बन जाये तो फिर उसे कैसे बचाया जा सकता है। आये दिन अस्पतालों में डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत होती रहती है। बावजूद इसके ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। डॉक्टरों की संवेदनहीनता ने एक बार फिर एक मरीज की जिंदगी ले ली। परिजनों के लाख गिड़गिड़ाने पर भी पैसों के अभाव में मरीज का ऑपरेशन सही समय पर न करने से मरीज को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। जबकि परिजनों के ऑपरेशन के लिए लाये एक लाख रुपये अस्पताल में ही चोरी हुए थे।

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परिजनों ने लगाया आरोप

  • ट्रामा सेण्टर के डॉक्टरों की संवेदनहीनता ने राजकुमार (55)की जान ले ली।
  • आपको बता दें कि बीते सोमवार को ऑपरेशन के लिए परिजनों द्वारा लाये गये 1.25 लाख चोरी हो गए थे।
  • जिसके बाद पैसों के अभाव में डॉक्टरों ने मरीज का ऑपरेशन करने से मना कर दिया।
  • सही समय पर समुचित इलाज न मिलने से मरीज की मौत हो गयी।
  • परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों पर मिलीभगत और चोरी का इल्ज़ाम लगाया।
  • राजकुमार की बेटी हेमा का इस घटना के बाद रो रोकर बुरा हाल था।
  • उसने बताया कि उसके पिता के सिर में गांठ थी।

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  • इलाज के लिए वो बीती 19 जुलाई को अपने पिता को ट्रामा सेण्टर लेकर आयी थी।
  • इमरजेंसी में देखने के बाद उन्हें न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था।
  • जहाँ पर डॉक्टरों ने देखने के बाद उनके ऑपरेशन की बात कही थी।
  • लेकिन बीते सोमवार को परिजनों के पैसे चोरी हो जाने से ऑपरेशन नहीं हो पाया।
  • डॉक्टरों ने पैसे बिना ऑपरेशन करने से मना कर दिया।
  • जिसके बाद इलाज के अभाव में मंगलवार को मरीज की मौत हो गयी।

आगे पढ़ें क्या था पूरा मामला

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ऑपरेशन के लिए लाये थे रुपये

  • जानकारी के मुताबिक न्यूरो सर्जरी विभाग में आपरेशन के लिए तीमारदार रुपये लाये थे।
  • बस्ती में बांट- माप विभाग में कार्यरत राजकुमार सिंह के सिर में गांठ होने के कारण न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था।
  • डाक्टरों ने जांच के बाद मरीज का आगामी दो दिन में ऑपरेशन करने को कहा था।
  • इसके चलते बेटी हेमा सिंह ने ऑपरेशन के लिए रुपये का इंतजाम करके अपने पास रख लिया।
  • हेमा ने बताया कि रात में पिता से मिल करके वार्ड के बाहर आयी आैर काफी देर तक रैम्प बैठी रही है।

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