kgmu में मरीजों के साथ संवेदनहीनता की बात वैसे नयी तो नहीं है लेकिन शनिवार की घटना के बाद तो यहाँ ये नज़ारा आम हो चला है। अपनी गलती छुपाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा के जर्जर हो चुके स्ट्रेचरों को ट्रामा के बाहर फेक दिया है। ऐसा करने के बाद अब यहाँ की हालत और भी ख़राब हो गयी है। जबकि आधे मरीज दुर्घटना के कारण वैसे भी यहाँ से जा चुके हैं। बावजूद इसके स्ट्रेचर का अभाव मरीजों के लिए समस्या बन गया है। मंगलवार को यहाँ ये नज़ारा आम था जब एक मरीज से स्ट्रेचर छीन कर दूसरे को दिया जा रहा था।
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गलती छुपाने को हटाए गए स्ट्रेचर
- अग्निकांड की घटना के बाद यहाँ की स्थितियाँ काफी बदल गयी हैं।
- अब ट्रामा परिसर में आपको एक भी टूटा या जर्जर स्ट्रेचर नहीं मिलेगा।
- ऐसा इसलिए बिलकुल भी नहीं किया गया है की अस्पताल प्रशासन को मरीजों की फ़िक्र है।
- बल्कि ऐसा अपनी गलती छुपाने के लिए किया गया है।
- आपको बता दें की जिस दौरान अस्पताल में आग लगी थी तब मरीज को तीमारदार स्ट्रेचर से लेकर भागे थे।
- जिसमे से ज्यादातर स्ट्रेचर काम ही नहीं कर रहे थे क्यूंकि वो टूटे हुए थे।
- ऐसे में तीमारदार स्ट्रेचर को अपनी जगह से हिला भी नहीं पा रहे थे।
- जब ये सब अस्पताल प्रशासन को पता लगा तो घटना के अगले ही दिन सभी ख़राब स्ट्रेचरों को परिसर के बाहर फेंक दिया गया।
- अब हालत ये है कि एक मरीज से स्ट्रेचर छीन कर दूसरे को दिया जा रहा है।
- इसमें भी ख़ास बात ये है कि ये काम खुद अस्पताल कर्मचारी कर रहे हैं।
https://youtu.be/475nIatCLG0
पेट के घाव से बह रहा था खून
- फैज़ाबाद निवासी राम किशोर को उनके तीमारदार स्ट्रेचर पर लिटाए हुए थे।
- राम किशोर के पेट में घाव होने से वह चलने में असमर्थ थे।
- तभी दूसरी तरफ एक मारुती वन आकर रुकी जिसमें बुजुर्ग शौकत अली को इलाज के लिए ट्रामा लाया गया था।
- अस्पताल कर्मचारी ने शौकत अली के परिजनों से पहले तो गेट से गाडी हटाने को कहा।
- साथ ही राम किशोर जिस स्ट्रेचर पर लेटे थे उन्हें जबरदस्ती उस स्ट्रेचर से उतर दिया।
- स्ट्रेचर से उतरते ही राम किशोर के पेट के घाव से खून की धार बहने लगी।
- बावजूद इसके किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा राम किशोर से स्ट्रेचर जबरदस्ती छीनकर शौकत अली को दे दिया गया।
- इसके बाद रामकिशोर के परिजन किसी तरह उन्हें सहारा देकर रैनबसेरे तक ले गए।
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