kgmu के ट्रामा सेण्टर के स्टोर के अंदर एक छोटा फ्रिज था। वह 24घंटे लगातार चलता रहता था। अत्यधिक चलते रहने के कारण उसके स्टेबलाइजर के अधिक गर्म होने की संभावना प्रतीत होती है। इस कारण आग लगी। आग लगने के बाद फ्रिज का compressor फट गया और जिससे आग चारों तरफ फैल गई जिसकी चपेट में ज्वलनशील सामग्री जैसे प्लास्टिक का सामान, पेपर, इंजेक्शन आ गए और आग बुरी तरह फैल गई। इस वजह से काला जहरीला धुआं भी फैल गया जिससे काम करने में भी परेशानी हुई।
केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट की ओर से गठित की गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
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अन्य बिंदुओं पर गहनता से हो जांच
- आग के कारणों को जानने के लिए कुलपति के निर्देश पर जांच समिति गठित की गयी थी।
- पांच सदस्यीय जांच समिति में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसएन शंखवार के नेतृत्व में चिकित्सा अधीक्षक विजय कुमार, डॉ. आरएएस कुशवाहा थे।
- समिति ने प्रारंभिक रूप से की गई जांच में अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है।
- डॉ. शंखवार के मुताबिक, कुलपति ने अन्य बिंदुओं पर गहनता से जांच करने की बात कही है।
- जल्द ही उक्त बिंदुओं पर भी जांच की जाएगी।
- जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दिनांक 15 जुलाई को शाम सात बजे ट्रामा के दूसरे
- तल पर आपदा प्रबंधन वार्ड में भयंकर धुआं उठता देखा गया।
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- धुआं ट्रामा के बाहर की तरफ निकल रहा था।
- स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई।
- ट्रामा का उपलब्ध स्टाफ वार्ड भर्ती रोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने में लग गए।
- इसी बीच मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की गाडिय़ों ने अग्निशमन का काम शुरू कर दिया।
- लगभग डेढ़ घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया।
- सभी वार्डों में भर्ती मरीजों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर भेज दिया गया।
डॉ. शंखवार ने बताया कि इस दौरान ट्रामा में अग्निशमन से संबंधित सभी उपकरणों को व्यवस्थित करने संबंधी निर्देश दिये गए हैं।
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