उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला में करीब 25 किलोमीटर का इलाका नरभक्षी कुत्तों के खूनी पंजों की गिरफ्त में है। हर जहान इस ख्याल से सिहर उठता है कि अगला शिकार कौन बन जाएगा। नरभक्षी कुत्तों के हमलों में से मासूमों की होने वाली सिलसिलेवार मौतों की कुछ शासन प्रशासन के अलंबरदारों तक पहुंच चुकी है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे ने पीड़ित से मिलकर हमदर्दी के दो बोल तक कहने की हिम्मत नहीं उठाई।
ग्रामीणों में बेहद रीता के प्रति बेहद आक्रोश
ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार को कैबिनेट मंत्री व जिला प्रभारी रीता बहुगुणा जोशी ब्लाक खैराबाद में आयोजित आजीविका एवं कौशल मेले में आयीं तो उम्मीद जागी कि आज वह शायद पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने पहुंचेगी। अफसोस है कि मंत्री ब्लॉक दफ्तर में सरकारी योजनाओं का बखान करती रही। हलाकि ब्लॉक में कुछ देर प्रधानों के साथ बैठक पर कुत्तों के आतंक की जानकारी ली फिर वापस चली गई। मंत्री के इस रवैया से ग्रामीणों में बेहद आक्रोश है।
ग्रामीणों ने कहा कि मंत्री के इस रवैये का हमेशा रहेगा मलाल
गुरपलिया के क्षेत्र पंचायत सदस्य रहीम उल्ला बोले कि हमारे गांव में आदमखोर कुत्तों ने दो मासूमों को निवाला बना डाला। मगर मंत्री ने यहां तक आकर पीड़ित परिवारों से मिलने तक की जय मत नहीं उठाई। अयूब खां, जाकिर हुसैन, सुरेश भाई को ने मंत्री के इस रवैया को मानवता को शर्मसार करने वाला करार दिया। अपने जिगर का टुकड़ा खाने वाले टिकरिया के कैलाश ने इसे मंत्री की संवेदनहीनता बताया। जलीस, रमेश व कुसमा ने कहा कि सरकार के कामकाज का बखान करने आए वह ठीक है। जिन गांवों में पिछले कई महीनों से आतंक और मातम छाया है उधर का रुख तक नहीं किया इसका हमेशा मलाल रहेगा।