उत्तर प्रदेश के सभी विकासखंडों पर कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए किसान कल्याण कार्यशाला का बुधवार को आयोजन किया जा रहा है। ‘किसानी किसान से’ नमक स्लोगन के साथ शुरू हो रही ये कार्यशाला 2 मई 2018 को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक लगाई जाएगी।
इस कार्यशाला के अंतर्गत कृषि विज्ञान शोध केंद्रों के वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों द्वारा खरीफ फसलों, औद्यानिक फसलों, गन्ना, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम कीट पालन, कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन आदि पर नई तकनीकी विषयक संवाद एवं विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। तथा पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सा कैंप लगाए जाएंगे।
विकास खंडों के कृषि उद्यान, पशुपालन, मत्स्य एवं रेशम आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट करने के लिए 7 कृषकों को जिनमें एक महिला कृषक तथा एक अनुसूचित जाति/जनजाति के अनिवार्य रूप से हों उन्हें सम्मानित किया जाएगा। फसल अवशेष न जलायें। बल्कि खेतों में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा फसल अवशेष जलाना दंडनीय घोषित है। फसल अवशेषों से बायोकोल, बायो सीएनजी निर्माण के लिए राज्य जैव ऊर्जा बोर्ड लखनऊ या अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री कृषि, कृषि अनुसंधान विभाग उत्तर प्रदेश राणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सरकार ने सभी किसानों से अपील की है कि विकासखंड में आयोजित हो रही किसान कल्याण कार्यशाला में भाग लेकर उन्नत तकनीकी से लाभांवित हों तथा अपनी आय दोगुनी करने के लिए कटिबद्ध हों।