उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हजारों की संख्या में किसानों ने लक्ष्मण मेला मैदान में महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर “किसान प्रतिरोध रैली” के जरिये प्रदेश सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया। किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांगे पूरी नहीं की जाती हैं तो किसान विधान सभा का घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।
भाजपा ने दिया किसानों को धोखा
उत्तर प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष भारत सिंह ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के साथ किये गये वादे को पूरा ना करके किसानों के साथ धोखा किया है। इस सरकार में किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है। फसलों के दाम कम मिलने और उर्वरक के दाम अधिक होने से किसान गहरे संकट में आ गया है। उन्होंने कहा कि मंहगाई की मार से किसान जूझ रहा है वहीं फसलों के दाम कौड़ी के भाव हैं। किसानों ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां खराब हैं इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
आखिरी चरण में विधानसभा घेराव करने की चेतावनी
किसान प्रतिरोध रैली के कार्यक्रम में किसानों ने संकल्प लिया कि वे समस्याओं को लेकर खुदकुशी नहीं करेंगे। साथ ही गांव-गांव पदयात्रा करने के बाद तहसील, जिलाधिकारी कार्यालय और फिर आखिरी चरण में विधानसभा घेराव करेंगे। रैली में किसान सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हन्नान मोल्ला, भारत सिंह, मुकुट सिंह, प्रान्तीय नेता दीना नाथ सिंह यादव, डाक्टर हीरा लाल व पूरे प्रदेश के जिलों से आये किसान मौजूद रहे।
नौ सूत्रीय मांगों को लेकर की प्रतिरोध रैली
➡प्रतिरोध रैली के जरिये किसानों ने अपनी नौ सूत्रीय मांग की है।
➡फसलों में लागत का डेढ़ गुना दाम हो, खरीद की गारंटी हो, खाद, बीज, डीजल, बिजली आदि की लागत सस्ती की जाए।
➡किसानों के सरकारी, सहकारी, निजी सभी तरह के कर्जे माफ किए जाएं, सभी बैंक में सुगमता से किसानों को कर्ज दें।
➡किसान बिजली की दरों में भारी वृद्धि और निजीकरण वापस लिया जाए।
➡आवारा पशुओं से फसल उजाड़ का बचाव किया जाए, फसल बर्बादी का मुआवजा दिया जाए, पशुओं की खरीद-फरोख्त से पाबंदी हटाई जाए।
➡खेती में टीकाकरण का कारपोरेट ग्रेड रोका जाए।
➡किसानों व गरीबों को 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन, सभी को फ्री इलाज और फ्री शिक्षा दी जाये, सस्ता राशन और मनरेगा में काम दिया जाए।
➡फसल बीमा योजना को व्यवहारिक बनाकर सारा धन प्रीमियम सरकार भरे, हालिया ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान का मुआवजा जल्दी दिया जाए।
➡बेतहाशा बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
➡बढ़ते अपराधों, जनतांत्रिक अधिकारों पर हमले एवं सांप्रदायिकता पर रोक लगाई जाए।