कुंभ 2019 के दौरान शाही स्नान की तिथियों की औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 मई को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के साथ संयुक्त रूप से करेंगे। पहली बार शाही स्नान की तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री करेंगे। इसके पहले नगर विकास मंत्री ही प्रशासनिक अफसरों व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की बैठक में करते थे।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष संग 19 मई को करेंगे घोषणा:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 मई को पहली बार कुंभ 2019 के शाही स्नान की तिथियों का औपचारिक एलान करेंगे. सीएम योगी अखिल परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के साथ मिल कर तिथियों की घोषणा करेंगे. बता दे कि इस पहले तक नगर विकास मंत्री ही अखाड़ा परिषद और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में तिथियों का एलान करते थे.
मुख्यमंत्री 19 मई को सुबह दस बजे हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन आएंगे। वह सर्किट हाउस में कुंभ को लेकर प्रशासन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की समन्वय बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे कुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। कुंभ के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी कर सकते हैं।
वह दोपहर का भोजन अल्लापुर स्थित मठ बाघंबरी गद्दी में करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश सरकार के कई मंत्री व कई विभागों के प्रमुख सचिव भी आएंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर बुधवार को डीएम सुहास एलवाई की अध्यक्षता में प्रशासनिक तथा विभिन्न विभागों के अफसरों की आवश्यक बैठक हुई। इसमें कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की गई।
कुंभ के लिए 15 दिसंबर से तीन माह बंद रहें टेनरीज : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ-2019 के मद्देनजर गंगा की साफ-सफाई के बंदोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी टेनरीज 15 दिसंबर, 2018 से 15 मार्च, 2019 तक बंद रखी जाएं।
साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि गढ़मुक्तेश्वर से लेकर काशी तक गंगा में किसी भी प्रकार का कचरा न गिरे। कुंभ में साधु-संतों व अन्य श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री बुधवार को शास्त्री भवन में कानपुर की टेनरीज की शिफ्टिंग की समीक्षा कर रहे थे। प्रमुख सचिव पर्यावरण रेणुका कुमार ने सीएम को बताया गया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 264 टेनरी हैं।
136 टेनरियां बंद हो चुकी हैं। इसमें से प्रतिदिन 6.7 एमएलडी गंदा पानी छोड़ा जाता है। इसके शोधन के लिए 36 एमएलडी क्षमता का कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) स्थापित हैं। इसके संचालन पर 17 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च आता है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि सीईटीपी, राइजिंग मेन तथा पम्पिंग स्टेशन की मरम्मत के लिए 17.88 करोड़ रुपये की जरूरत है। जाजमऊ के वर्तमान सीईटीपी को यदि उच्चीकृत या सुदृढ़ीकरण किया जाता है तो इस पर करीब 554 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
प्रमुख सचिव ने यह सुझाव दिया कि इस सीईटीपी को रमईपुर में स्थापित किए जा रहे नवीन मेगा लेदर क्लस्टर में स्थानांतरित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सीईटीपी की प्रस्तावित क्षमता पर विचार करते हुए इसे रमईपुर में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसके विस्तार का प्रावधान भी किया जाए।
CITP के संचालन में आधा खर्च टेनरीज से वसूला जाएगा-
मुख्यमंत्री ने सीईटीपी के संचालन पर होने वाले सालाना खर्च के लिए कहा कि इसमें से आधी धनराशि 8.5 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार खर्च करेगी, जबकि आधी धनराशि 8.5 करोड़ रुपये टेनरीज से वसूली जाए।
उन्होंने कहा कि हर टेनरी की क्षमता के अनुसार धनराशि का निर्धारण किया जाए। उन्होंने कहा कि जाजमऊ स्थित टेनरीज तथा रमईपुर में स्थापित किये जा रहे लेदर क्लस्टर के सिलसिले में आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जाए ताकि इन इकाइयों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
टेनरीज की नियमित की जाए निगरानी-
टेनरीज से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। टेनरीज द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार निगरानी की जाए। इससे संबंधित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी उपलब्ध करायी जाए.