योगी सरकार 2019 में होने वाले कुंभ मेले को लेकर तैयारियों में लगी है. लेकिन इसी बीच कुंभ मेले से पहले ही करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. जी हाँ आगामी कुंभ मेले को लेकर फर्जी टेंडर निकाले गये और उसके आधार पर करोड़ो की धोखा धड़ी को अंजाम दिया गया. इतनी बड़ी धोखाधड़ी को पर्यटन विभाग के नाम पर अंजाम दिया गया, जिसमें जालसाजों ने 2,727 करोड़ रुपए के फर्जी टेंडर निकाल दिए और आवेदकों से करोड़ों रुपयों की वसूली कर ली. 
2019 में होने वाले कुंभ मेले को यादगार बनाने का पूरा दारोमदार पर्यटन विभाग पर है। विश्व भर में प्रसिद्ध कुंभ मेले में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. उनके ठहरने की व्यवस्था से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए निर्माण कार्य व सामान सप्लाई भी होनी है. इसी का फायदा उठाकर जालसाजों ने फर्जी टेंडर निकाल दिए और ठगी करोड़ों की ठगी की.

क्या है मामला:

इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ की तैयारियां जोर शोर से हो रह हैं और इसी के साथ कुंभ को लेकर फर्जीवाडा और ठगी भी शुर हो गयी है. वैसे तो आगामी कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को ठगने की कवायद में जालसाज अभी से लग गये हैं.

इसके लिए मेला प्राधिकरण द्वारा अब तक अपनी ऑफिशियल वेबसाइट लांच न करने के बावजूद कई अन्य वेबसाइटों के जरियें ठगी शुर हो गयी है. ऐसी दर्जनों वेबसाइटें हैं, जो लंबे चौड़े दावे करके अभी से बुकिंग करने में जुटी हैं.

लेकिन इन सब के बीच उससे भी बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इसमें बहुप्रचलित कुंभ मेले के नाम पर फर्जी टेंडर निकाल दिए है. इतना ही नहीं इन फर्जी टेंडरों के जरिये करोड़ो की जालसाजी को अंजाम दिया गया.

जालसाजों ने करीब 2,727 करोड़ रुपये के फर्जी टेंडर पर्यटन विभाग के नाम पर निकाले हैं. वहीं जालसाजों ने ठेका देने के नाम पर आवेदकों से करोड़ों रुपयों की वसूली कर ली.

जालसाजों नें जो टेंडर निकाले उनमें सबसे बड़ा खपला गंगा नदी के डायवर्जन का रहा. जी हाँ, जालसाजों ने गंगा नदी की धारा को मोड़ने के लिए भी टेंडर निकाल दिया. वहीं जब आवेदकों ने इस मामले में पर्यटन विभाग से संपर्क किया तो पर्यटन विभाग के होश उड़ गये. विभाग ने बताया कि ऐसा कोई टेंडर जारी ही नहीं हुआ है.

गंगा नदी की धारा को मोड़ने को लेकर जालसाजों ने 296 करोड़ का टेंडर निकाला. जिनके लिए आवेदकों ने आवेदन भी कर दिया.

इन कामों के लिए निकालें गये टेंडर:

जालसाजों ने आगामी कुंभ मेले की लिए व्यवस्थाओं से लेकर सुविधाओं तक कई कामों के टेंडर निकाल दिए. जिसका फायदा उठा कर उन्होंने कुंभ में ठेके के बदले करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया.

इनमें जिन कामों को लेकर टेंडर निकाला गया उनमें गंगा की धारा को मोड़ना भी शामिल था. इसके अलावा टेंट सिटी, सीवेज पाइपलाइन फिटिंग और अन्य कई काम थे.

टेंट सिटी:

कुंभ मेला पूरे विश्व में बहुप्रसिद्ध है. 2019 में कुंभ मेले में देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु प्रयाग आएंगे. इसको लेकर उनके रहने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग को टेंट सिटी बसाएगा. जिसको लेकर जालसाजों ने टेंडर निकाल दिया. 600 करोड़ के इस टेंडर में कुंभ मेला परिसर में टेंट सिटी का ठेका दिया गया.

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इसके अलावा 500 करोड़ का सीवरेज पाइपलाइन फीटिंग का भी ठेका जारी किया गया. वहीं दूर दराज से आने वाले कई श्रद्धालुओं के लिए कम्बल की व्यवस्था को लेकर भी टेंडर जारी किया गया.

कंबलों और तौलियों का टेंडर:

इसमें 16 लाख कंबलों की उपलब्धता को लेकर 341 करोड़ का ठेका जारी किया गया. कम्बलों की सप्लाई को लेकर भी आवेदन मांगे गये. जालसाजों ने 2.50 लाख कंबलों की सप्लाई के लिए भी ठेका निकाला. वहीं आने वाले पर्यटनों के लिए 25 लाख सफ़ेद तौलियों की जरूरत के आधार पर टेंडर निकाला.

घाटों का सुंदरीकरण:

इतना ही नहीं प्रयाग के 12 घाटों के सुन्दरीकरण का ठेका भी निकाला गया. 210 करोड़ में कुंभ मेले के लिए प्रयोग होने वाले 12 घाटों के सुंदरीकरण के ठेके के लिए आवेदकों ने फर्जी टेंडर पर आवेदन दे दिया.

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इसके अलावा 90 हजार ट्राई साइकिल, फ्लैक्स व बैनर और 1000 किरायें पर ई- रिक्शा के लिए भी जालसाजों ने ठेका निकाल कर आवेदकों को करोड़ों का चुना लगा दिया.

सड़क मार्ग निर्माण:

वहीं प्रयाग में कुंभ को लेकर सड़क मार्ग निर्माण के क्षेत्र में भी जालसाजों ने अपनी धांधली की. सड़क मार्ग निर्माण को लेकर भी टेंडर जारी किया गया.

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मेकिंग, चादर और कंबलों की सप्लाई के नाम पर ठगी के शिकार लोगों ने जब इस बाबत पर्यटन विभाग से सुचना चाही तब जाकर करोड़ो का ये घपला सामने आया. पर्यटन विभाग ने बताया कि अभी तक ऐसा कोई टेंडर विभाग ने जारी ही नहीं किया है. इसके बाद आवेदकों के तो होश ही उड़ गये.

इस पूरे मामले के बाद बीते दिन ठगी का शिकार हुए आवेदकों ने पर्यटन महानिदेशक अवनीश अवस्थी से इसकी शिकायत की. जिसके बाद विभाग के प्रबंध निदेशक संचालन अक्षय नागर ने गोमतीनगर थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

धोखाधड़ी का मामला दर्ज:

पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक संचालन अक्षय नागर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ राजधानी लखनऊ स्थित गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कर दिया हैं.
पर्यटन विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस मामले में कहा “पर्यटन विभाग के नाम पर फर्जी टेंडर का मामला बेहद गंभीर है। इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। गोमतीनगर में केस दर्ज कराया जा चुका है। एसएसपी से इस मामले में बात हुई है। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर लोगों को जागरुक करने के लिए विवरण डाल दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि जालसाजों ने सोशल मीडिया के जरिये ठगी का पूरा जाल बुना था. इसमें देश के कई बड़े व्यवसायी भी फंस गये.

आवेदकों का आरोप:

यूपी पर्यटन विकास निगम की ओर से डॉक्युमेंट्री फ़िल्म के निर्देशन और निर्माण के अलावा अन्य टेंडर नोडल अधिकारी डॉ राजवीर सिंह की ओर से निकाले गये थे.

लेकिन जब इस बाबत विभाग से जानकारी ली गयी तो पता चला कि इस नाम का कोई अधिकारी विभाग में है ही नहीं. वहीं पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभाग द्वारा निकाले गये सभी टेंडर पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाईट पर उपलब्ध होते है.

सोशल मीडिया के जरिये ठगी का जाल: 

बता दें कि कुंभ में टेंडरों के जरिये ठगी का ये पूरा जाल व्हाट्सएप के जरिये फैलाया गया. व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिये पर्यटन विभाग के नाम पर कुंभ में 2727 करोड़ के टेंडर निकालने की सुचना सोशल मीडिया पर वायरल की गयी.

जिसके बाद गाजिअबाद, मुरादाबाद, मेरठ, बरेली जैसे यूपी के कई जिलों के व्यवसायियों सहित दिल्ली गुजरात और मुंबई के भी कई नामचीन बिजनेमैन जालसाजों की ठगी का शिकार हो गये और आवेदन कर दिए.

कई आवेदकों ने तो टेंडर के लिए मोती रकम तक जमा कर दी. आवेदकों से पूरा लेनदेन सोशल मीडिया के जरिए हो रहा था. बता दें कि करीब 20 दिन पहले कुम्भ मेला प्राधिकरण ने इलाहाबाद में टेंडरों का कारोबार व्हाट्सएप पर करने वाले एक शख्स को पकड़ा था।

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