कुशीनगर में 13 बच्चों की मौत से जहाँ एक और आरटीओ, रेल विभाग और स्कूल प्रशासन की कई खामियां उजागर हुईं, वहीं आज स्वास्थ्य विभाग की भी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य महकमे की संवेदनहीनता का पता इस बात से साफ़ दिखता है कि दुर्घटना में मृत बच्चों के पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को बिना सिले ही छोड़ दिया गया.
चिकित्सक ने बिना सिले ही बच्चों का शव किया परिजनों के सुपुर्द:
बीते दिन कुशीनगर में स्कूली वैन के पैसेंजर ट्रेन से भिड़त के बाद पूरे प्रदेश में कोहराम मच गया था. आखिर मामला था ही इतना मार्मिक. इस दुर्घटना में 13 मासूम नौनिहालों की प्रशासन, सरकारी विभागों, स्कूल और वैन चालक की लापरवाही की वजह से जान चली गयी. मामला काफी भयावर था पर इस मामले को कोई कितना असंवेदनशील हो सकता है इस बात का उदाहरण स्वास्थ्य विभाग ने दे दिया.
हादसे में मृत बच्चों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने मानवता को शर्मसार करते हुए मासूम बच्चों के शवों को बिना सिलाई किये ही छोड़ दिया. जिससे उनके शरीर के अंग बाहर आ गये. डॉक्टरों ने पेट और सिर का पोस्टमार्टम करने के बाद सिला ही नहीं था. जनाजा निकलने के पहले दुर्घटना के शिकार हुए 2 बच्चे, कामरान और फरहान के शवों को नहलाने के लिए खोला गया तो भीतर के सारे अंग दिखाई पड़ रहे थे.
जिसे देखकर बच्चों के परिजनों की हालत खराब हो गई. बाद में बिना नहलाये ही दोनों मासूमों के शवों को दफना दिया गया. लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की संवेदनहीनता से हर कोई आक्रोश में है.
गौरतलब है कि इतनी भयावर दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री कुछ ही घंटो ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दुर्घटना स्थल पर पहुँच गये थे. उन्होंने खुद मामले का जायजा लिया था. पर इन मासूमों का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने हृदयहीनता का परिचय दिया हैं. चिकित्सकों के इस रवैये को उनकी लापरवाही कहे, या मानवताहीन भावना यह तय करना बाकी है.
क्या था मामला:
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर विशुनपुरा थाना क्षेत्र के बहपुरवा रेलवे क्रासिंग पर गुरूवार (26 अप्रैल) को कुशीनगर के डिवाइन मिशन स्कूल के बच्चे जिस मैजिक वैन में सवार थे वह मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को पार करते वक्त पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई. इस दुर्घटना में 13 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गयी थी. 8 बच्चों को आनन फानन में अस्पताल पहुँचाया गया.
जिसके बाद जाँच में काफी सारी बड़ी स्तरीय लापरवाहियों से पर्दे हटे थे. जहाँ एक और पाया गया कि वैन ड्राईवर नाबालिग था, वहीं रेल क्रासिंग में बरती जाने वाली लापरवाही भी उजागर हुई थी. बहरहाल बड़ों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों और उनके परिजनों को उठाना पड़ा. जिसमें एक परिवार ने अपने घर के 4 बच्चों को खो दिया.
इसी तरह आज इस दुर्घटना के शिकार हुए हैदर अली के दोनों बेटों कामरान और फरहान का जनाजा निकाला गया. हैदर अली के सउदी अरब रहने के कारण कामरान और फरहान के शव को दफनाया नहीं गया था. हैदर अली के आने पर दोनों को दफनाने की रस्म शुरू हुई. जैसे ही दोनों के शवों को नहलाने के लिए खोला गया तभी शरीर का सारा अंग बाहर आ गया. मामला सामने आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दे दिए है.