जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए जवान विजय कुमार पांडेय और शहीद सत्यनारायन का आज अंतिम संस्कार किया गया। अधिकारियों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम सलामी दी। वहीं श्रद्धांजलि देने केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, प्रभारी मंत्री सत्यदेव पचौरी, जेल मंत्री जयकुमार जैकी और कृषि राज्य मंत्री रनवेंद्र प्रताप सिंह पहुंचे। इस दौरान लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ भयंकर आक्रोश दिखा। लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारे लगाए।
बता दें कि सोमवार को शहीद का शव गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल था। गांव में हर किसी आखें नम देखी गई। परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए घाट ले जाया गया, जहां जवानों ने गार्ड आॅफ आॅनर देकर अंतिम विदाई दी गई। उधर देवरिया में शहीद सत्यनारायन के बड़े पुत्र शम्भु ने अपने पिता को बरहज के सरयू घाट पर दी मुखाग्नि मौके पर कृषि मंत्री समेत जिले के आला अधिकारी मौजूद रहें।
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
शहीद हुए देवरिया के बीएसएफ के एएसआई सत्य नारायण यादव और फतेहपुर के रहने वाले कांस्टेबिल विजय कुमार पांडेय के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इन वीर सपूतों को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने शहीद जवानों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। शहीद के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी घोषणा की।
33वीं बटालियन बीएसएफ में थी तैनाती
शहीद विजय कुमार पाण्डेय की वर्तमान में पोस्टिंग 33वीं बटेलियन बीएसएफ में थी। वह जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थे। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान कीतरफ से भारी गोलाबारी चल रही थी। इस दौरान घटना में विजय और उनके एक साथी सत्य नारायण यादव शहीद हो गए। बीएसएफ की तरफ से देर रात विजय के परिजनों को सूचना दी गई। विजय के घर से रोने और चिल्लाने की आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण इकट्ठा हो गए। रविवार सुबह से ही पूरा गांव पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने में लगा है।
2012 में हुई थी विजय की तैनाती
विजय का एक भाई अजय पाण्डेय नगर निगम कानपुर में नौकरी करते हैं। विजय की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से हुई थी। उसके बाद उन्होंने आदर्श इंटर कॉलेज सालेपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी कर कानपुर चले गए। कानपुर में डिग्री कॉलेज में इन्होंने पढ़ाई शुरू की थी उसी दौरान बीएसएफ में तैनाती हो गई। 4 जुलाई 2012 को विजय बीएसएफ में भर्ती हुए थे।
20 जून को होनी थी शादी
शहीद जवान विजय पाण्डेय की 15 जून को उनका तिलक था और 20 जून को शादी नियत की गयी थी। । इसके लिए शहीद ने छुट्टी के लिए आवेदन भी कर रखा था जो मंजूर हो चुका था। विजय 5 जून से छुट्टी पर घर आने वाला था। घटना के बाद बीएसएफ की तरफ से फोन किया गया बेटे के शहीद होने की पहली सूचना मां को मिली। जिसके बाद अन्य परिजनों को घटना की जानकारी हो सकी।