सावन महीने के अंतिम-सोमवार पर शिवालयों उमड़ी भीड़-प्रसाद एवं फूलों, बेल-पत्र, भांग,धतूरें की दुकानें सजीं
बलिया
सावन महीने के अंतिम-सोमवार पर शिवालयों उमड़ी भक्तों की भीड़।
सावन महीने के अंतिम सोमवार पर बलिया के नगरीय सहित ग्रामीण अंचलों के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शिवालयों में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। जिला मुख्यालय स्थित बाबा बालेश्वर नाथ महादेव मन्दिर में भोर से ही भक्तों की लम्बी लाइन लग गयी। पुरूष तथा महिलाओं की अलग-अलग करीब 1 किमी लम्बी लाइन लगी रही। शिव भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए सहायता दल के सदस्य लगे।
यह शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है, जब वे भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन, शिवालयों में विशेष पूजा-अनुष्ठान और आयोजन किए जाते हैं, और भक्तों द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है।
इस वर्ष, सावन महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त तक चला। सावन के महीने को भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, और इस महीने में शिव भक्त विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करते हैं। सावन के अंतिम सोमवार को, शिव भक्तों की भीड़ विशेष रूप से अधिक होती है।
बलिया में, बाबा बालेश्वर नाथ महादेव मन्दिर सबसे प्रसिद्ध शिवालयों में से एक है। यह मन्दिर शहर के बीचों-बीच स्थित है, और यहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। सावन के महीने में, इस मन्दिर में भक्तों की भीड़ और भी अधिक बढ़ जाती है।
इस वर्ष, बाबा बालेश्वर नाथ महादेव मन्दिर में सावन के अंतिम सोमवार पर भक्तों की भीड़ काफी अधिक थी। सुबह से ही मन्दिर के बाहर भक्तों की लंबी लाइनें लगी थीं। मन्दिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की थी।
प्रसाद एवं फूलों, बेल-पत्र, भांग,धतूरें की दुकानें सजीं
जिला मुख्यालय स्थित सुप्रसिद्ध बाबा बालेश्वरनाथ मन्दिर सहित विभिन्न शिवालयों के बाहर प्रसाद एवं फूलों, बेल पत्र, भांग,धतूरें की दुकानें भी सजी थी। मन्दिर जाने वाले मार्गों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। कारो स्थित कामेश्वरनाथ महादेव मन्दिर (जहां भगवान भोलेनाथ ने कामदेव को भस्म किया था)। असेगा स्थित शोकहरण नाथ महादेव मन्दिर, अवनिनाथ महादेव मन्दिर, छितौनी में बाबा छितेश्वरनाथ महादेव मन्दिर, मिश्रवलिया में परमेश्वरनाथ शिव मन्दिर, रेवती में बुढ़वा शिव मन्दिर, घोंघा स्थित सैदनाथ महादेव मन्दिर, सहतवार स्थित महत्पलेश्वरनाथ महादेव मन्दिर सहित अन्य जगहों पर स्थित शिव मन्दिरों में ब्रम्ह बेला से ही भक्तों की भीड़ पूजा अर्चना करने के लिए उमड़ पड़ी।
भक्तों ने पूरे मनोयोग से किया पूजन-अर्चन
भिन्न-भिन्न जगहों पर स्थित विभिन्न मन्दिरों में शिव भक्तों ने जलाभिषेक करते हुए विधि विधान से फल, फूल, बेल पत्र, भांग, धतूरा, धूप, दीप, नैवैद्य आदि से भोले शंकर की पूजा अर्चना करते हुए अपने अभीष्ट के लिए पूरे मनोयोग से पूजन-अर्चन कर मथ्था टेक अपने अभीष्ट की कामना किया।
भृगु नगरी मन्दिरों पर उमड़ आस्था का सैलाब, जलाभिषेक कर शिवभक्तों की लगी लाइन।
मन्दिरों की छटा देखते ही बन रही
शिव भक्त हर-हर महादेव, ऊं नमः शिवाय आदि के उद्घोष के साथ शिव मन्दिरों की तरफ निकल पड़े। जहां शिव भक्तों ने आशुतोष भगवान को जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया। कुछ शिव भक्त भोर की पहली किरण फूटने से पूर्व ही गंगा स्नान के लिए निकल गये। जहां गंगा स्नान के उपरांत जलभरण करने के पश्चात अलग-अलग जगहों पर स्थापित आशुतोष भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक किया।
इस दौरान शिव मंदिरों की अद्भुत सजावट से छटा देखते ही बन रही थी। कहीं मन्दिरों को प्राकृतिक फूलों से तो कहीं कृत्रिम फूलों से तो कहीं आकर्षक झालरों से सजाया गया था।